आज के महान लौन टैनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच के बारे में बात करने से पहले साल 1995 के उस ऐतिहासिक मैच की बात करते हैं, जिस ने हर दर्शक को इमोशनल कर दिया था. आस्ट्रेलियन ओपन टूर्नामैंट का वह क्वार्टर फाइनल मैच पीट संप्रास और जिम कोरियर के बीच खेला गया था, जो तब के दिग्गज खिलाड़ी माने जाते थे.

अगर स्वभाव की बात करें तो हम पीट संप्रास को ‘लौन टैनिस का सचिन तेंदुलकर’ कह सकते हैं, जो कोई फंसा हुआ पौइंट जीतने के बाद भी ज्यादा खुश नहीं हुआ करते थे, पर उस मैच में वे किसी बच्चे की तरह फूटफूट कर रोए थे, लेकिन अपनी हार पर नहीं, बल्कि वह मैच तो उन्होंने बड़े ही शानदार तरीके से जीता था और शायद अपनी जिंदगी का सब से बेहतरीन खेल उस में दिखाया था.

अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्या हाई वोल्टेज ड्रामा उस हरे मैदान पर हुआ था. दरअसल, शुरुआत में वह मैच जिम कोरियर की झोली में गिरता दिखाई दिया था, क्योंकि पहले 2 सैट वे 7-6 और 7-6 से जीत चुके थे और तीसरा सैट जीतते ही वे पीट संप्रास को टूर्नामैंट से बाहर कर देते.

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लेकिन पहले 2 सैट हारने के बाद पीट संप्रास ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी और अगले 2 सैट 6-3 और 6-4 से अपने नाम कर लिए. पर जैसे ही 5वां और फाइनल सैट शुरू हुआ, तो अपनी सर्विस के साथसाथ पीट संप्रास लगातार रोते दिखाई दिए. इतना ज्यादा कि वे कभी अपने दाएं कंधे से आंसू पोंछते तो कभी बाएं कंधे से. मैच के बीच में आंसुओं की बहती धार को रोकने के लिए उन्होंने अपना तौलिया भी इस्तेमाल किया. तब तक दर्शक भी गमगीन हो गए थे, पर समझ नहीं पाए थे कि माजरा क्या है.

दरअसल, इस टूर्नामैंट से कुछ समय पहले ही पीट संप्रास के कोच टिम गुलकिसन को ब्रेन ट्यूमर होने की खबर आई थी, जिस से पीट संप्रास बहुत दुखी थे. पर जिम कोरियर से 2 सैट हारने के बाद किसी दर्शक ने चिल्ला कर पीट संप्रास से कहा था, “कम औन पीट, अपने कोच की खातिर यह मैच जीत लो…”

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शायद इसी वजह से पीट संप्रास में जीत की प्रेरणा जागी होगी और वे उस मैच में बेहतर से और ज्यादा बेहतर होते गए. उन्होंने 5वां सैट भी 6-3 से अपने नाम कर वह मैच और दर्शकों का दिल जीत लिया था.

अब आज की बात करते हैं. हाल ही में लौन टैनिस के शानदार सितारे नोवाक जोकोविच ने फ्रैंच ओपन टूर्नामैंट के फाइनल मुकाबले में यूनान के स्टेफानोस सितपितास को हरा कर खिताब जीता. इस जीत के बाद उन्होंने मैच देखने आए एक बच्चे को अपना रैकेट पकड़ा दिया. उस बच्चे को मानो कुबेर का धन मिल गया और मारे खुशी के वह नाचने लगा.

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आप यह सोच कर हैरान हो रहे होंगे कि आखिर नोवाक जोकोविच ने उस छोटे से बच्चे में ऐसा क्या देखा कि अपना फ्रैंच ओपन खिताब जिताने वाला रैकेट ही उसे पकड़ा दिया?

नोवाक जोकोविच ने मैच के बाद अपनी प्रैस कौंफ्रैंस में इस बात का खुलासा किया और बताया, “मैं उस लड़के को नहीं जानता, लेकिन वह पूरे मैच के दौरान मेरे कान में घुसा रहा. खासतौर से तब, जब मैं 2 सैट के बाद भी पिछड़ रहा था. वह लगातार मेरा जोश बढ़ा रहा था, साथ ही वह मुझे रणनीति भी सुझा रहा था. वह कहता था कि ‘अपना सर्व रोको’, ‘एक ईजी फर्स्ट बाल मिलने के बाद दबदबा बनाओ’.

“वह सच में मुझे कोचिंग दे रहा था और मुझे यह बेहद क्यूट और अच्छा लगा. सर्वश्रेष्ठ इनसान को रैकेट देना… और यह वही था. मेरा सपोर्ट करने और मेरे साथ बने रहने के लिए मैच के बाद उसे अपना रैकेट देना मेरे लिए शुक्रिया अदा करना जैसा था.”

इस फाइनल मैच में नोवाक जोकोविच अपने पहले 2 मुकाबले 6-7 (6-8) और 2-6 से हार चुके थे, पर बाकी के 3 मुकाबले उन्होंने 6-3, 6-2 और 6-4 से अपने नाम किए.

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पीट संप्रास और नोवाक जोकोविच जैसे महान खिलाड़ियों को उन 2 अनजान लोगों ने तकरीबन हारा हुआ मैच जीतने की प्रेरणा दी, जो शायद ही इस खेल की बारीकियों को समझते हों, पर उन के जोश से भरे वाक्यों ने मैच का रुख ही बदल दिया.

पीट संप्रास अपने कोच की बीमारी से विचलित थे तो नोवाक जोकोविच भी फाइनल मुकाबला हार रहे थे. पर भीड़ से आए कुछ प्रेरणादायक शब्दों ने उन के भीतर के खिलाड़ी को समझाया कि हारने से पहले ही हार मान लेना किसी भी नजरिए से समझदारी नहीं है.

जीत के बाद नोवाक जोकोविच ने तो अपने ‘नन्हे कोच’ को रैकेट दे कर खुश भी कर दिया और यह खुशी उस बच्चे को उम्रभर याद रहेगी.

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