इरेक्टाइल डिसफंक्शन यानी ईडी का मतलब है कि यौनक्रिया करते वक्त लिंग में पर्याप्त तनाव उत्पन्न न हो पाना. इसे कभीकभी नपुंसकता भी कहते हैं. हालांकि, नपुंसकता शब्द का इस्तेमाल अब कम हो गया है. यह वृद्ध पुरुषों एवं मध्य आयुवर्ग के पुरुषों की आम समस्याओं में से एक है.

अधिकांश पुरुषों को ईडी के प्रबंधन के लिए विकसित होते सिद्धांतों एवं सक्षम थेरैपी की जानकारी नहीं होती, जो सालों तक ईडी का इलाज न कराए जाने का मुख्य कारण है. ईडी का इलाज कराने के लिए सब से पहला कदम यह है कि इस बीमारी के बारे में अपने डाक्टर से खुल कर बात की जाए क्योंकि वह आप को जीवनशैली के परिवर्तनों से ले कर मैडिकेशन व सर्जरी तक के कई उपायों की सलाह दे सकते हैं.

ईडी के कारण

मैडिकल समस्याएं, जैसे हाइपरटैंशन, डायबिटीज मेलिटस एवं कार्डियोवैस्कुलर बीमारी (सीवीडी) और मनोवैज्ञानिक समस्याएं, जैसे अवसाद व चिंता पुरुषों में यौन समस्याएं बढ़ाती हैं. डायबिटीज यौन समस्याओं का आम कारण है क्योंकि यह लिंग में खून का प्रवाह बनाने वाली रक्तवाहिनियों और नसों दोनों को प्रभावित करती है. जीवनशैली की खराब आदतें, जैसे मोटापा, धूम्रपान, अल्कोहलपान आदि भी ईडी के कारण हैं.

ईडी से पीडि़त होने के लक्षण

लिंग में तनाव उत्पन्न करने में परेशानी होना.

यौनक्रिया के वक्त तनाव बनाए रखने में मुश्किल होना.

यौनेच्छा की कमी.

अत्यधिक उत्तेजना उत्पन्न होने के बाद भी संभोग सुख प्राप्त न कर पाना.

यदि ये लक्षण 3 माह या उस से ज्यादा समय तक रहते हैं तो व्यक्ति को डाक्टर से संपर्क करना चाहिए. डाक्टर आप को यह सम झने में मदद करेगा कि आप के ये लक्षण आप की किसी अन्य समस्या के कारण हैं जिस का इलाज कराए जाने की जरूरत है.

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