सवाल

मेरे घर में मेरे पति, सास और 2 बच्चे रहते हैं. जब से हम सभी लौकडाउन के चलते घर में एकसाथ हैं तभी से हमारे घर की दिनचर्या अस्तव्यस्त हो गई है. हम सभी का सोने और उठने का समय एकदम बदल चुका है, खासकर मेरे बच्चों का. बेटे की उम्र 23 वर्ष है और बेटी की 16 वर्ष. दोनों सुबह 5 बजे के बाद सोते हैं और दोपहर 2 बजे के बाद उठते हैं. मैं उन्हें समझा कर थक गई लेकिन वे मेरी बात नहीं सुनते. मुझे फिक्र है कि कहीं वे बीमार न हो जाएं पर उन्हें कहूं क्या यह समझ नहीं आता. पूरा दिन वे दोनों अपने फोन तो कभी लैपटौप पर लगे रहते हैं, मैं क्या करूं कुछ बताएं.

जवाब

लौकडाउन के दौरान ऐसा होना स्वाभाविक है परंतु सही नहीं है. आप अपने बच्चों को नाराज न करने के चक्कर में उन्हें उन की सेहत के साथ खिलवाड़ करने दे रही हैं जोकि सही नहीं है. वे गुस्सा करते हैं तो करने दीजिए, वे नाराज होते हैं तो उन्हें नाराज होने दीजिए लेकिन उन्हें टोकने से रुकिए नहीं. आप उन्हें एकदो दिन टोकेंगी तो चाहे उन्हें बुरा ही क्यों न लगे लेकिन उन्हें आप की बात तो माननी ही होगी. आप घर की गृहिणी हैं तो अपने तरीके से बात मनवाइए. उन से कह दीजिए यदि वे समय से नहीं उठेंगे तो उन्हें नाश्ता नहीं मिलेगा या घर का काम उन्हें ही करना पड़ेगा. ऐसे वे कब तक आप की बात को नकारेंगे.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  सरस सलिल- व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...