जैसा कि हम सब जानते हैं कि बॉलीवुड इंडस्ट्री के बेहतरीन एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) ने 14 जून रविवार को अपने अपार्टमेंट में खुद को फांसी लगा ली थी. कुछ लोगों के अनुसार वे काफी समय से डिप्रेशन के शिकार थे और डिप्रेशन की वजह से उन्होनें आत्महत्या कर ली वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों को ये भी कहना है कि सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में हो रहे नेपोटिज्म (Nepotism) से तंग आकर खुद को मौत के हवाले कर दिया.

सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत को आज पूरे 2 महीने हो चुके हैं लेकिन अब तक सुशांत की मौत का असली कारण बाहर निकल कर नहीं आ पा रहा है. जैसे जैसे सुशांत को लेकर सारी बातें सामने आती जा रही हैं वैसे वैसे ये केस और भी ज्यादा पेचीदा हो रहा है. ऐसे में सबसे ज्यादा तकलीफ अगर किसी को हो रही है तो वो सुशांत सिंह राजपूत के घरवालों को हो रही है.

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सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के परिवार वालों ने मीडिया के सामने 9 पन्नों का बयान जारी किया है जिसमें उन्होनें बताया है कि पिछले 2 महीनों में काफी बड़े और पावरफुल लोगों ने अपने बयानों से उनपर कीचड़ उछालने की कोशिश की है. तो चलिए आपको सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के परिवार द्वारा जारी किए गए बयान के 5 मुख्य प्वाइंट बताते हैं.-

1. कुछ साल पहले की ही बात है. ना कोई सुशांत को जानता था, ना उसके परिवार को. आज सुशांत की हत्या को लेकर करोड़ों लोग व्यथित हैं और सुशांत के परिवार पर चौतरफा हमला हो रहा है. टीवी-अख्बार पर अपना नाम चमकाने की गरज से कई फर्जी दोस्त, भाई, मामा बन अपनी-अपनी हांक रहे हैं. ऐसे में बताना जरूरी हो गया कि आखिर ‘सुशांत का परिवार’ होने का मतलब क्या है?

2. एक नामी आदमी को ठगों- बदमाशों-लालचियों का झुंड घेर लेता है. इलाके के रखवाले को कहा जाता है कि बचाने में मदद करें. अंग्रेजों के वारिश हैं, एक अदना हिन्दुस्ताी मरे, इन्हें क्या परवाह हो?

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3. चार महीने बाद सुशांत के परिवार का भय सही साबित हुआ है. अंग्रेजों के दूसरे वारिस मिलते हैं. दिव्यचक्षु से देखकर बता देते हैं कि ये तो जी ऐसे हुआ है. व्यवहारिक आदमी हैं. पीड़ित से कुछ मिलना नहीं, सो मुलजिम की तरफ हो लेते हैं.

4. अंग्रेजों के एक और बड़े वारिस तो जालियावाला फेम जेनरल डायर को भी मात दे देते हैं. सुशांत के परिवार को कहते हैं कि तुम्हारा बच्चा पागल था, सुसाइड कर गया, होता रहता है, कोई बात नहीं. ऐसा करो कि पांच दस मोटे-मोटे लालों का नाम लिखवा दो, हम उसका भूत बना देंगे.

5. सुशांत के परिवार को शोक मनाने का भी समय नहीं मिलता है. हत्यारों को ढूंढने के बजाय रखवाले उसके मृत शरीर की फोटो प्रदर्शनी लगाने लगते हैं. उनकी लापरवाही से सुशांत मरा. इतने से मन नहीं भरा तो उसके मानसिक बीमारी की कहानी चला उसके चरित्र को मारने में जुट जाते हैं. सुशांत के परिवार ने मोटे लालों का नाम नहीं लिया तो क्या हुआ? अंग्रेजों के वारिस हैं, कुछ भी कर सकते हैं सो फैशन परेड में जुट गए.

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