पहला मामला- सेवानिवृत्त हो चुके पुलिस अधिकारी रघुनंदन प्रसाद कि मोबाइल में कॉल आता है- हम पुलिस मुख्यालय से बोल रहे हैं फलां फलां जानकारी दीजिए. रघुनंदन प्रसाद पुलिस मुख्यालय से जानकारी मांगने पर सब कुछ बताते चले जाते हैं और लूट जाते हैं.

दूसरा मामला- सेवानिवृत्त पुलिस कर्मचारी के पास कॉल आता है और कहां जाता है आपको कुछ जानकारी देनी है। हम  आपके विभाग से ही बोल रहे हैं.कर्मचारी जैसे ही जानकारी देता है उसके बैंक खाते से लाखों रुपए उड़ा लिया जाता है.

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वस्तुतः आज हर एक इंसान की मजबूरी है सोशल मीडिया का इस्तेमाल. और इस मजबूरी का फायदा लेते हैं चतुर ठग. जिनसे आपको बचना होगा. आज जिस तरह से ठगी का कारोबार उजागर हो रहा है उसे देखकर यही कहा जा सकता है की ऑनलाइन परमो धर्मा बन चुका है तो सतर्कता भी आपके लिए परमो धर्मा: है.

अब आपको यह तय करना है कि कैसे आप  चतुर ठगों से अपनी रात दिन की कमाई गाढ़ी कमाई को बचा सकते हैं.यह सच है कि आज के दौर में अपराध के तरीके भी आधुनिक हो गए हैं जहां तक सोशल मीडिया और ऑनलाइन ठगी के मामले की बात करें तो यह लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ऑनलाइन ठग नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने का  एक तरह से रिकॉर्ड बना रहे हैं.

छत्तीसगढ़ में  ऑनलाइन ठगों ने सेवानिवृत पुलिसकर्मियों को अपना निशाना बनाया है. लेकिन कहते हैं ना  कानून के हाथ लंबे होते हैं  तो यह एक बार फिर  सिद्ध हो गया . इन शातिर ठगों को  पुलिस ने ढूंढ निकाला और अपनी गिरफ्त में ले, जेल के सिखचों के पीछे  पहुंचा दिया है.

और पुलिस फंस गई फेर में

हमारी इस रिपोर्ट  के केंद्र में है पुलिस .वह पुलिस जो  लोगों को सतर्क रहने का आह्वान करती है. लोगों को  ठगों से बचाती है,  लुटेरों से बचाती है.  मगर छत्तीसगढ़ में  पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी भी  शातिर ठगों के फेर में फंस गए. ऐसे में यह समझा जा सकता है कि  जब पढ़े-लिखे पुलिस अधिकारी  जो  24 घंटे  अपराधिक लोगों से दो-चार होते हैं.  लोगों को राहत देते हैं… बचाते हैं  इन सोशल मीडिया के ठगों के संजाल में फंस गए तो आम आदमी  कि  बखत क्या है.

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छत्तीसगढ़ के महासमुंद, कांकेर, राजनांदगांव, दंतेवाड़ा, रायपुर, सरगुजा, बिलासपुर सहित कुछ नगरों में सेवानिवृत्त पुलिस कर्मियों को शातिर ठगों ने कुछ  दिनों में  तकरीबन  40 लाख रुपए की ठगी की. इसी  माह 16 जुलाई को राजनांदगांव जिले के अंबागढ़ चौकी थाने में सेवनिवृत्त पुलिसकर्मी भगवान सिंह सलामे ने रपट  दर्ज कराई कि एक फोन कॉल में अपने आप को पेंशन अधिकारी बताकर उनसे एक शख्स  ने एटीएम कार्ड की संपूर्ण जानकारी  ली और उनके खाते में जमा 18 लाख 33 हजार रूपये  देखते ही देखते उड़ा लिए .

छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव सहित  अन्य जिलों से भी इसी तरह  के  प्रकरण  सामने आये। राजनांदगांव  पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला के  तत्परता से  शातिर आरोपियों की  तलाशी की जाने लगी .

छत्तीसगढ़ राजधानी पुलिस मुख्यालय भी इन प्रकरणों को लेकर सतर्क हुआ. जांच तेजी से होने लगी. महासमुंद और दंतेवाड़ा पुलिस की एक संयुक्त टीम बनाकर आरोपियों की तलाश में लग गई.

इस  दरमियान पुलिस को कुछ सुराग मिले और पुलिस आरोपियों तक पहुंच गई. पुलिस ने सेवा निवृत्त  पुलिसकर्मियों के साथ ठगी करने वाले बिहार के लीलावरण थाना बंधवापुरूवा निवासी आरोपी बाबर अली हेम्ब्राम, मनोज कुमार, रोहित कुमार यादव, पिंटू कुमार मंडल, जितेंद्र चौधरी को गिरफ्तार किया है। राजनांदगांव पुलिस ने इस मामले का  खुलासा कर दिया.

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पुलिस की गिरफ्त में आए ये शातिर ठग सेवा निवृत्त  पुलिसकर्मियों से पेंशन अधिकारी बनकर उन्हें पेंशन राशि, पीएफ सहित अन्य मामलों में उलझाते  थे और एटीएम कार्ड पर अंकित नंबर पुछकर उनके बैंक खाते से सारे रुपए निकाल लेते थे. मजे की बात यह है कि ठगी करने वाले आज के तेजी से प्रचलन में आई सोशल मीडिया का दुरुपयोग करते रहे. यह  सेवानिवृत्ति पुलिस कर्मियों के बारे में ऑनलाइन ही जानकारी इकट्ठा करते थे.पुलिस ने सभी आरोपियों को झारखंड और बिहार के अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपियों के पास से दर्जनों मोबाइल सिम, वहीं 2 दर्जन से अधिक मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड,  लैपटॉप, कलर प्रिंटर सहित कई फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं. इस तरह छत्तीसगढ़ में पुलिस ने एक अंतर राज्य ऑनलाइन शातिर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है.

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