“पति पत्नी और वह” फिल्म तो आपने देखी होगी. बड़े ही शालीनता के साथ पति पत्नी और दूसरी औरत का रिश्ता इस बॉलीवुड की मूवी में दिखाया गया है. मगर ऐसा हमेशा नहीं होता. अक्सर “दूसरी औरत’ के चक्कर में पत्नी चंडी और कभी-कभी रण चंडी भी बन जाती है. और तब ऐसा हंगामा होता है कि देखने वाले देखते रह जाते हैं . ऐसा ही किस्सा विगत दिवस छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर वीआईपी कॉलोनी में घटित हुआ जब.  एक व्यक्ति दूसरी महिला के साथ कार में उसेद दिख गया.महिला ने गुस्से में आकर कार की विंडो स्क्रीन पर हमला किया.महिला बार-बार कार के विंड स्क्रीन पर हमला करने लगी. धर्मपत्नी गुस्से में कार के बोनट पर  चढ़ गई और अपनी चप्पल से कार के शीशे पर वार कर रही थी. जब हंगामा बढ़ने लगा मजबूर  पतिदेव कार से बाहर आया. अब तो धर्म पत्नी ने पतिदेव का कॉलर पकड़ लिया और हाथ पांव चलाने लगी.

काफी देर तक हंगामा चलता रहा और लोगों का हुजूम आ जुटा. ऐसी कुछ घटना है आज हम आपको बताने जा रहे हैं और साथ ही उसके सार स्वरूप यह तथ्य भी की पुरुषों को ऐसी स्थितियों से बचना चाहिए.

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पहला मामला-भिलाई के  दुर्ग जाने वाले मार्ग में जुलाई महीने में ही एक श्रीमतीजी ने अपने पति को दूसरी महिला के साथ बाइक पर देख लिया आपत्तिजनक स्थिति में देखते ही उसका पारा चढ गया और पतिदेव को रोककर उसने साथ बैठी महिला पर हमला कर दिया.और फिर बीच सड़क पर हंगामा हो गया. बीच बचाओ करने पुलिस पहुंची तब मामला शांत हुआ.

दूसरा मामला-औद्योगिक नगर कोरबा में एक बड़े अफसर की भद पिट गई जब उसकी धर्मपत्नी ने उसे रंगे हाथ उसकी सहेली के साथ पकड़ लिया. इसका वीडियो भी बन गया और घटनास्थल पर जो हंगामा हुआ वह चर्चा का सबब बन गया.

तीसरा मामला-छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी बिलासपुर में एक पति देव अपनी सहेली के साथ होटल में धर्मपत्नी को ही पकड़ में आ गया और फिर हुआ जोरदार हंगामा. जिसमें पतिदेव की सहेली की खूब पिटाई हुई और वह देख कर देख कर भाग खड़ी हुई.

ऐसी अनेक घटनाएं अक्सर घटित हो जाती हैं और यह संदेश दे जाती हैं की पति पत्नी और वह के बीच “वह” दोनों के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं है.

पति आखिर यह “गलती” क्यों करता है?

पति पत्नी और वह का किस्सा संभवत दुनिया का सबसे पुराना किस्सा है जो चला आ रहा है और चलता रहेगा. जब जब पुरुष फिसलता है तब तब ऐसी परिस्थितियां पैदा हो जाती हैं कि परिवार टूट जाते हैं. ऐसे में समझदारी तो यह कहती है कि पुरुष को “एक पत्नी व्रत धारी” होना चाहिए.

अक्सर पुरूष अपने नैसर्गिक, प्राकृतिक स्वभाव के कारण दूसरी महिलाओं को देखकर फिसल जाता है और अगर महिला भी उसी स्वभाव की हुई तो फिर कहानी आगे बढ़ती है. निसंदेह ऐसे मामलों में गलती दोनों पक्षों की होती है.

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जहां पुरुष को अपनी सीमाओं का उल्लंघन नहीं करना चाहिए वहीं महिलाओं को भी यह समझकर कदम आगे बढ़ाना चाहिए साथी पुरुष शादीशुदा तो नहीं है उसे धोखा तो नहीं दे रहा है. क्योंकि ऐसे हालात में पुरुष का तो कुछ भी नहीं बिगड़ता मगर महिला की अपनी इज्जत सम्मान के साथ  धोखा होता है तो उन्हें लगता है कि वह लुट गई हैं और कहीं के नहीं रही. दोनों ही स्थितियों में महिला को कथित सहेली को ही दर्द और पीड़ा सहनी पड़ती है.

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता वीके शुक्ला के अनुसार उनके लगभग 40 वर्ष के प्रैक्टिस में अनेक मामले उनके पास ऐसे आए हैं जिसमें परिवार दूसरी महिला के प्रवेश के बाद  टूटन की दहलीज पर पहुंच गए. ऐसी परिस्थितियों में जो कि निस्संदेह विकट होती है परिवार टूटने के कगार पर पहुंच जाता है और यहां एक अधिवक्ता, लायर का कर्तव्य हो जाता है किसी तरह परिवार बचा पाए. मनोविज्ञान विशेषज्ञ डॉक्टर जीआर पंजवानी के अनुसार पति पत्नी और वह के बीच जब मामला भयावह रूप धारण कर लेता है तब विकट स्थिति पैदा हो जाती है. एक सामाजिक डॉक्टर के रूप में मैं तो हमेशा यही सलाह देता हूं कि दोनों ही पक्षों को ऐसी परिस्थितियों में समझदारी का परिचय देना चाहिए. पुरुष को अपनी गलती स्वीकार कर लेनी चाहिए और वह के प्रति तोबा कर लेनी चाहिए. वही धर्मपत्नी का भी कर्तव्य है की पति को एक मौका देते हुए, परिवार को टूटने से बचाना चाहिए.

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