ये बात तो है 16 अप्रैल की लेकिन आप भी जानिए कि भला क्यों और कैसे हुई ये अनोखी शादी ? दरअसल जहां एक ओर लोग कोरोना के कारण अपने घर में कैद हैं, सारी शादियां, सारे फंक्शन लोगों ने कैंसिल कर दिये हैं, सारे सेलिब्रिटीज ने भी अपनी पिक्चरें, सिंगर ने अपने कौन्सर्ट, सब कुछ कैंसिल किया हुआ है वहीं दूसरी ओर राजस्थान में एक अनोखी शादी देखने को मिली.

जी हां अब चूंकि ये लौकडाउन जैसी स्थिति में हुई है तो ये अनोखी शादी ही है. दरअसल राजस्थान सूरत के रहने वाले एक व्यक्ति ने कोरोना को ही चुनौती दे दी.उसने इस लॉकडाउन में शादी रचा ली. ना ही बैंड-बाजा था, ना ही बाराती, बस पंडित थे और दुल्हा-दुल्हन और हो गई शादी. घर की छत पर ही मंडप बनवाया, पंडित जी आएं, सीमित परिजन थे,और सभी ने मास्क पहन रखा था बस इतने ही लोगों के बीच में सात फेरे हुए, सभी रस्में अदा हुईं और हो गई शादी.

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जिस व्यक्ति की शादी हुई है उसका नाम दिशांक पूनामिया है और लकड़ी का नाम पूजा बरलोता है. इनकी शादी 16 अप्रैल को तय हुई थी लेकिन इस कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चक्कर में ये शादी टालने को मजबूर थे. लेकिन फिर दुल्हा-दुल्हन और उनके परिवार ने ये फैसला किया हम शादी उसी दिन करेंगे लेकिन सीमित लोग होंगे कोई नहीं आएगा. और फिर क्या था एकदम सादगी से दिनांक सोलह अप्रैल को ये विवाह संपन्न हो गया.

हालांकि इन्होंने काफी सपने संजोये थे कि राजस्थान में धूमधाम से सारी रस्में निभाएंगे जिसकी तैयारियां भी जोरो-शोरों से हो रही थीं. लेकिन इस कोरोना उने उनके सारे सपनों को तोड़ दिया. परिजनों का कहना था कि उनके पुरोहित हैं जिनकी राय ली गई इस विषय पर कि क्या करना चाहिए? फिर तो पुरोहित जी ने जो बताया उसके बाद एकमात्र ही उपाय था की शादी उसी तय किए हुए दिन कर दी जाए. पुरोहित जी ने बताया कि आने वाले डेढ़ साल तक शादी का कोई मुहूर्त नहीं है. और होगा भी तो ये उनके लिए ठीक नहीं होगा. फिर परिजनों ने ये फैसला लिया कि शादी कर दी जाए. अब भले ही लॉकडाउन के चलते तैयारियों पर पानी फिर गया हो लेकिन इन दो लोगों को शादी करने से तो कोरोना भी नहीं रोक पाया.

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