ग्रेटा ने बड़े तीखे शब्दों से विश्व के कई नेताओं पर इस त्रासदी से निपटने के लिए कुछ नहीं करने का भी आरोप लगाया. आपने हमें फेल कर दिया है. युवा पीढ़ी ये समझती है कि आपने हमसे धोका किया है. हम युवाओं की नजरें आप पर हैं और अगर आप लोगों ने हमें असफल किया तो हम आपको कभी भी माफ नहीं करेंगे.
आपको यहीं पर एक लाइन खींचनी होगी. दुनिया जाग चुकी है और चीजें अब बदल रही हैं..ये चाहे आपको पसंद हो या न हो.’ जानते हैं ये भाषण किसका है. ये किसी देश के बड़े राजनेता का नहीं है न ही किसी मोटीवेशनल स्पीकर का है बल्कि ये कहना है 16 साल की ग्रेटा थनबर्ग का. जोकि स्वीडन की पर्यावरण एक्टिविस्ट हैं.
यूएन में आयोजित क्लाइमेट एक्शन समिट में दुनिया भर के नेताओं को फटकार लगाई. यूएन महासचिव गुतारेस के सामने दी गई ग्रेटा की स्पीच अब वायरल हो रही है और उनके सवालों का जवाब किसी के पास नहीं है. इस स्पीच के अलावा ग्रेटा थनबर्ग की एक तस्वीर भी वायरल हो रही है. क्लाइमेट एक्शन समिट में पहुंचे ट्रंप के पीछे खड़ी ग्रेटा जिस निगाह से ट्रंप को देख रही हैं वो लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है. ग्रेटा की आंखों में नाराजगी साफ नजर आ रही है.
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ग्रेटा ने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और इस आंदोलन को ‘Friday for future’ नाम दिया है. ग्रेटा कौन हैं, स्कूल जाने की उम्र में धरती बचाने का जिम्मा उठाने की प्रेरणा कहां से मिली, आइए ये सब जानते हैं.
10वीं क्लास की छात्रा ग्रेटा थनबर्ग का जन्म 2003 में स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में हुआ था. मां मलेना अर्नमैन स्वीडन की मशहूर ओपेरा सिंगर और पिता स्वांते थनबर्ग एक्टर हैं.‘Charity begins at home’ वाली कहावत से प्रभावित ग्रेटा ने पर्यावरण बचाने की शुरुआत अपने घर से की.
इसके लिए उन्होंने सबसे पहले अपने माता पिता को लाइफ स्टाइल बदलने के लिए मनाया. पूरे परिवार ने नॉनवेज खाना छोड़ दिया और जानवरों के अंगों से बनी चीजों का इस्तेमाल बंद कर दिया. कार्बन उत्सर्जन जिन चीजों से होता है उन सब चीजों का इस्तेमाल सीमित कर दिया.
9 सितंबर 2018 को स्वीडन में आम चुनाव होने वाले थे. उससे पहले ही स्वीडन के जंगलों में आग लगी हुई थी और 262 सालों की सबसे भीषण गर्मी पड़ रही थी. ग्रेटा 9वीं क्लास में थीं और फैसला किया कि जब तक चुनाव नहीं निपट जाते, वो स्कूल नहीं जाएंगी.
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क्लाइमेट चेंज के खिलाफ ग्रेटा ने 20 अगस्त 2018 यानी आम चुनाव से पहले मोर्चा खोल दिया. सरकार के खिलाफ स्वीडन की संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. तीन हफ्ते तक प्रदर्शन करते हुए ग्रेटा ने पर्चियां बांटीं जिन पर लिखा होता था ‘मैं इसलिए ये कर रही हूं क्योंकि आप अडल्ट लोग मेरे भविष्य से खेल रहे हो.’ उस वक्त भी उनकी एक तस्वीर वायरल हुई थी.
ग्रेटा ने जमीन पर प्रदर्शन करते हुए सोशल मीडिया की ताकत को पहचाना और उसे अपना हथियार बनाया. फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर अपने प्रोटेस्ट की तस्वीरें शेयर करके लोगों को इस मुहिम से जोड़ा. उन्हें कम समय में भारी समर्थन मिला.
फरवरी 2019 में ग्रेटा को वैश्विक पहचान तब मिली जब 224 शिक्षाविदों ने उनके समर्थन में एक ओपन लेटर पर साइन किए. पिछले महीने अमेरिका पहुंची ग्रेटा से एक रिपोर्टर ने पूछा कि क्या वो ट्रंप से मिलने वाली हैं? इस पर उन्होंने कहा कि जब ट्रंप मेरी बातों को सुनने वाले नहीं हैं तो उनसे मिलकर मैं अपना समय क्यों बरबाद करूंगी?डॉनल्ड ट्रंप ने ग्रेटा की स्पीच पर रिएक्शन दिया है. ट्वीट करते हुए ट्रंप ने लिखा ‘वह हैप्पी यंग गर्ल नजर आ रही है, जो उज्ज्वल और अद्भुत भविष्य की तलाश में है. देख कर अच्छा लगा.’ इस व्यंग्यात्मक कमेंट पर भी लोगों ने ट्रंप को आड़े हाथों लिया है.
Video Credit – Sky News