दानेदाने में केसर का दम : अजय देवगन.
इसे खाओ और थोड़ा करीब आ जाओ : शाहरुख खान.
यह पहचान है कामयाबी की : सैफ अली खान.
आप जैसे शौकीनों के लिए मेरा नजराना : मनोज बाजपेयी.
शानोशौकत का नया अंदाज : गोविंदा.
जो भी खाए दीवाना बन जाए : असरानी.
बौलीवुड के कई बड़े कलाकार मीडिया में इश्तिहारों के जरीए स्वाद का बखान कर लोगों को पान मसाले का शौक फरमाने का औफर दे रहे हैं. देश की सब से बड़ी अदालत द्वारा गुटका (तंबाकू और कई जहरीली चीजों से बने मिश्रण) पर रोक लगाए जाने के बाद पान मसाला बनाने वाली कंपनियों के कारोबार धीमे पड़ने लगे थे. ऐसे में इन कंपनियों ने एक बड़े पैकेट में पान मसाला और उस के साथ में छोटे पैकेट में तंबाकू बेचना शुरू कर दिया. पान मसाला बेचने वाली कंपनियों ने और ज्यादा नोट बटोरने के लिए बौलीवुड के बड़ेबड़े सितारों को अपनी कंपनी का ब्रांड अंबैसडर बना कर उन से अपना प्रचार कराना शुरू कर दिया. देश के ज्यादातर नौजवान बौलीवुड के कलाकारों को अपना रोल मौडल मानते हैं. ऐसे में सितारों द्वारा पान मसाले के इश्तिहार को देख कर वे पान मसाले की ओर भी तेजी से खिंचने लगे हैं. एक हैल्थ सर्वे के मुताबिक, देश की 35 फीसदी आबादी पान मसाले का सेवन करती है. आज पान मसाले का कारोबार 10 हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा का है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, जिस तरह से पान मसाला खाने वालों की तादाद बढ़ी है, उसी तरह देश में मुंह के कैंसर में भी तेजी से इजाफा हुआ है. जानकारों के मुताबिक, मुंह के कैंसर की सब से बड़ी वजह पान मसाले का ज्यादा सेवन मानी गई है. भारत में मुंह का कैंसर बड़ी नाजुक हालत में पहुंच चुका है. अंदाजा यह लगाया जा रहा है कि अगर इसी तरह से मुंह के कैंसर से पीडि़तों की तादाद बढ़ती रही, तो आने वाले दिनों में भारत में मुंह के कैंसर के मरीजों की तादाद सब से ज्यादा होगी.
दिलचस्प बात यह है कि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तंबाकू से होने वाले बुरे नतीजों के बारे में जानकारी देने के लिए जनजागृति मुहिम चलाई जाती है, जिस में हर साल करोड़ों रुपए खर्च होते हैं. वहीं दूसरी ओर सरकार इस पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए कदम नहीं उठा रही है. पान मसाले के इश्तिहार किसी मशहूर व ग्लैमरस हस्ती से जोड़ कर तैयार किए जाते हैं. कोई नौजवान जब रंगीन चमकीली पन्नी में भरे पान मसाले को निकाल कर बड़े स्टाइल से हथेली पर डालता है, उस वक्त उस के दिमाग में पूरी तरह से बौलीवुड के बड़े कलाकारों की इमेज छाई होती है. वह इस से होने वाले खतरनाक नतीजों को भूल कर उस का सेवन करता रहता है. पान मसाले का सेवन करने वाले कुछ नौजवानों से पूछा गया कि वे पान मसाला क्यों खाते हैं? इस के जवाब में ज्यादातर नौजवानों का यही कहना था कि जब सुपरस्टार इन्हें खा सकते हैं, तो वे क्यों नहीं?
समाजशास्त्री और मनोवैज्ञानिक युवराज दुबे का कहना है, ‘‘आज की नौजवान पीढ़ी बौलीवुड के कलाकारों को अपना रोल मौडल मानती है. अपने रोल मौडल द्वारा जिस किसी चीज का गुणगान किया जाता है, वह उन्हें भाने लगता है. वह उन चीजों को खरीदने लगता है. ऐसे में रोल मौडल द्वारा पान मसाले का गुणगान भी उन्हें भाता है. वे अपने रोल मौडल की पसंद को अपनी पसंद बनाने लगते हैं. ‘‘ऐसे इश्तिहारों पर रोक लगनी चाहिए, जिस में बौलीवुड के कलाकार पान मसालों की खूबियां बताते नजर आते हैं. इस वजह से नौजवान इस के प्रति ज्यादा खिंचते हैं, जिस का नतीजा उन्हें बाद में भुगतना पड़ता है.’’
युवा छात्र नेता विनोद सिंह का कहना है, ‘‘बड़े फिल्म कलाकारों द्वारा इश्तिहारों में पान मसालों का गुणगान करते देख मेरे दिमाग में यह बात आती है कि जब शाहरुख खान और अजय देवगन भी पान मसाला खा सकते हैं, तो मैं क्यों नहीं खा सकता?’’
सामाजिक कार्यकर्ता डा. एम. कुमार का कहना है, ‘‘फिल्मी कलाकारों द्वारा पान मसाले का इश्तिहार करने की वजह से नौजवान तेजी से इस ओर खिंचता है. बौलीवुड के कलाकारों को सामाजिक जिम्मेदारी पर भी ध्यान देना चाहिए. उन्हें ऐसे इश्तिहारों से दूर रहना चाहिए.’’
पान मसाला कंपनी के इश्तिहार बनाने वालों का मानना है कि आज की जनता बेवकूफ नहीं है. वह काफी समझदार है. उसे अच्छी और बुरी चीजों के बारे में सबकुछ पता है. पहली बात तो यह है कि उन के इश्तिहार बौलीवुड के बडे़ कलाकार पान मसालों की पब्लिसिटी कर रहे हैं, न कि गुटका या तंबाकू की. पान मसाला एक तरह का माउथ फ्रैशनर है. भारत में खाना खाने के बाद इस का इस्तेमाल किया जाता रहा है. जबकि सच यही है कि इश्तिहार कंपनियों द्वारा उपभोक्ता कानून के साथ खिलवाड़ कर बेहद चालाकी के साथ पान मसालों के इश्तिहार तैयार कर नौजवानों को भरमाया जा रहा है. इस में बौलीवुड इंडस्ट्री के कलाकारों द्वारा भरपूर साथ दिया जा रहा है.