जिन देशों में अच्छी कानून व्यवस्था है वहां भी बलात्कार की घटनाएं होती हैं पर भारत में एक बड़ा फर्क है. यहां बलात्कारी नहीं, पीड़िता कटघरे में खड़ी होती है और इसलिए बलात्कार के मामले रोशनी में कम आते हैं. पीड़िता हिम्मत दिखाती है तो उसे सालों पुलिस, वकीलों व अदालतों में गवाहियों के लिए जाना पड़ता है. ऐसे में मातापिता समझते हैं कि चुप रह जाना ही श्रेयस्कर है. पीड़िताएं चुप रह जाती हैं. उन का विवाह कठिन हो जाता है और परिवार के सभी सदस्य समाज के लिए दूषित हो जाते हैं.

औरतें खुद ही बलात्कार पीड़िताओं और विधवाओं के साधारण ढंग से रहने को समर्थन देती हैं, निपूतियों को अपने बच्चों के साए से दूर रखती हैं, शादीब्याह में कुंडली मिलाती हैं, जातिगौत्र का ध्यान रखती हैं, बेटियों से विवाहपूर्व जपतप, व्रत करवाती हैं.

अब तो हमारे यहां सामाजिक सुधारों की उलटी सूई घूम रही है. गौपूजा का ढिंढोरा पीटा जा रहा है, धर्मनिरपेक्ष सरकार खुल्लमखुल्ला धर्मप्रचार कर रही है. सरकारी भवनों पर धार्मिक प्रतीक लगाए जा रहे हैं.

हर तरह से संस्कृति और संस्कारों की दुहाई दे कर आप यह नहीं अपेक्षा कर सकते कि हर लड़की बलात्कार के बाद तुरंत ही पुलिस स्टेशन भागे. हम बात करते हैं औरतों के अधिकारों की, जबकि हर धर्म ने हर युग में औरतों पर बेहिसाब जुल्म किए हैं. अगर औरत पर किसी दिन जुल्म न हो तो उसे लगता है कि उस से कुछ गलती हो गई है.

मुसलिम औरतें मर्दों द्वारा पिटाई, ट्रिपल तलाक, 5-6 बच्चों को पैदा करने की बाध्यता को तमगा समझती हैं. ईसाई औरतें जीवनभर कुंआरी रह कर चर्च की सेवा कर जीवन को संपूर्ण मानती हैं. हिंदू औरतें पतियों के लिए न जाने कितनी बार भूखी रहती हैं. इस सब पर, अब वोटरों के माध्यम से, सरकारी मुहरें लग रही हैं. ऐसे में बलात्कार की पीड़िता को पौराणिक संदर्भ में दोषी, पापी नहीं माना जाएगा क्या?

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
  • 24 प्रिंट मैगजीन

डिजिटल

(1 महीना)
USD4USD2
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
 
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...