Narendra Modi : भारत ही क्या सारी दुनिया में यह बात मशहूर है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच गहरे दोस्ताना संबंध हैं. ऐसे संबंध कि वे एकदूसरे का सम्मान करते हैं और नरेंद्र मोदी का तो वे कहना मानते हैं. शायद यही वजह है कि नरेंद्र मोदी जिस तरह काम करते हैं, वैसा ही काम डोनाल्ड ट्रंप भी करते दिखाई दे रहे हैं.
एक और बड़ा उदाहरण सामने है. जैसे नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ते रहे हैं, बहुतकुछ वैसी ही शैली डोनाल्ड ट्रंप ने भी अपनाई. इस से यह संदेश और भी मजबूत हो गया कि दोनों ही नेताओं में बड़ी अच्छी ट्यूनिंग है और वे एकदूसरे को सम झते हैं, मगर जिस तरह डोनाल्ड ट्रंप ने दोबारा अमेरिका का राष्ट्रपति बनते ही एकदम से भारत के प्रति कड़ा रुख अपनाया है, वह बताता है कि दोनों के ही संबंध कितने छत्तीसी हैं.
अमेरिका में अवैध प्रवासियों का निर्वासन एक खास मुद्दा बन कर सामने है. एक अनुमान के अनुसार, अमेरिका में तकरीबन 11 मिलियन अवैध प्रवासी रहते हैं, जिन में से ज्यादातर मैक्सिको और दूसरे लैटिन अमेरिकी देशों से आए हैं. इसी के मद्देनजर डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद अवैध प्रवासियों के प्रति सख्त नीति अपनाई है.
ट्रंप प्रशासन ने अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं, जिन में सीमा सुरक्षा को मजबूत करना, अवैध प्रवासियों की पहचान करने के लिए डाटाबेस का उपयोग करना और अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने के लिए अधिक अधिकारियों की नियुक्ति करना शामिल है.
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