Narendra Modi : आजादी के बाद राजनीति अपने आदर्श और विपक्षियों को भी सम्मान देने के संदर्भ में जिस ऊंचाई पर थी, नरेंद्र दामोदरदास मोदी के साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद धीरेधीरे यह पतन की ओर आगे बढ़ रही है. ऐसा कई बार देखा गया है जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए राजनीति और इस पद को गरिमा को कम किया है. इस का एक बड़ा उदाहरण आप के सामने आया है दिल्ली विधानसभा चुनाव के दरमियान जब अरविंद केजरीवाल की राजनीतिक पार्टी ‘आप’ को नरेंद्र मोदी ‘आप दा’ कर कर कर बुला पुकार रहे हैं.
नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी, 2025 को भाजपा कार्यकताओं से विधानसभा चुनाव में 50 फीसदी से ज्यादा बूथों पर जीत का लक्ष्य रखने का आह्वान किया और कहा कि लोग अब खुल कर आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर कर रहे हैं और उसे उस के वादों की याद दिला रहे हैं.
‘नमो एप’ के जरीए ‘मेरा बूथ, सब से मजबूत’ कार्यक्रम के तहत भाजपा के कार्यकर्ताओं से संवाद करते हुए नरेंद्र मोदी ने ‘आप’ को एक बार फिर राष्ट्रीय राजधानी के लोगों के लिए ‘आप दा’ करार दिया और कहा, जब इस से मुक्ति मिलेगी तभी दिल्ली को ‘विकसित भारत’ की ‘विकसित राजधानी’ बनाने का संकल्प सिद्ध हो पाएगा.
नरेंद्र मोदी ने यह दावा भी किया कि ‘आप दा’ वाले विधानसभा चुनाव में इतने डरे हुए हैं कि उन्हें हर दिन एक नई घोषणा करनी पड़ रही है.
नरेंद्र मोदी के मुताबिक, दिल्ली वाले आप वालों की ‘आप दा’ और उन के झूठ और फरेब से अब ऊब चुके हैं. पहले कांग्रेस ने और फिर आप वालों की ‘आप दा’ ने दिल्ली के लोगों से बहुत विश्वासघात किया है. ये ‘आप दा’ वाले अब हर दिन एक नई घोषणा कर रहे हैं. इस का मतलब है कि उन को रोज पराजय की नईनई खबरें मिल रही हैं. ये इतने डरे हुए हैं कि इन्हें रोज सुबह एक नई घोषणा करनी पड़ रही है. लेकिन अब दिल्ली की जनता इन का खेल समझ गई है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन दिनों वे अपनी चुनावी सभाओं में दावा करते हैं कि ‘फिर आएंगे’ लेकिन अब जनता उन्हें बोलती है कि वे ‘फिर खाएंगे.
इस तरह नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद पर उड़ते हुए देश की राजनीति राजनीतिक दल और आम जनता के समक्ष क्या कर रहे हैं, वह रेखांकित करता है कि राजनीति कितने नीचे चली गई है. पद और सत्ता प्राप्त करने के लिए प्रधानमंत्री पद पर बैठे नरेंद्र मोदी यह भूल जाते हैं कि इसे राजनीति और प्रधानमंत्री पद तारतार हो रहा है.
नरेंद्र मोदी ने कार्यकर्ताओं से ‘आप दा’ वालों की पोल खोलने और केंद्र की उपलब्धियां गिनाने का आह्वान किया. उन्होंने ‘आप’ पर पूर्वांचल के लोगों को दिल्ली से बाहर निकालने की साजिश रचने का आरोप लगाया और दावा किया कि दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी में उन के लिए नफरत भरी हुई है. पानी जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में विफल रहने के लिए दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि शराब उपलब्ध है, लेकिन पानी उपलब्ध नहीं है.
नरेंद्र मोदी के मुताबिक, भाजपा यह सुनिश्चित करने के लिए व्यापक अभियान चलाएगी कि यहां सत्ता में आने पर हर किसी तक पीने का पानी पहुंचे. उन्होंने लोगों के बिजली बिलों में वृद्धि के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया. अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा
कि ‘शीशमहल’ आप के झूठ और छल का जीताजागता उदाहरण है.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने यमुना नदी को साफ करने का वादा किया था, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अब कह रहे हैं कि यमुना को साफ करने के लिए वोट नहीं मिलते. आप गरीबों के लिए घर बनाने के अपने वादे को पूरा करने में भी विफल रही, जबकि केंद्र ने उन के लिए हजारों घर बनाए हैं. भाजपा अपने बूथ कार्यकर्ताओं के बल पर भारी जीत दर्ज करेगी और लोग, विशेषकर महिलाएं उस के अभियान की अगुआई कर रही हैं. कांग्रेस अकसर झूठे वादे करती है और दावा किया कि ‘आप’ इस मामले में मुख्य विपक्षी पार्टी से काफी आगे निकल गई है. कांग्रेस में बरबादी व बुराइयां आने में सात दशक लग गए. इन में तो 7 माह में कांग्रेस की सारी बुराइयां आ गईं और अब तो पिछले 9 साल में इन्होंने उन बुराइयों को भी दोगुना कर दिया है.
नरेंद्र दामोदरदास मोदी देश के सर्वोच्च पद पर बैठे हुए हैं मगर उन्होंने हमेशा विपक्ष का माहौल उड़ाया है. इस का एक बड़ा उदाहरण विपक्षी पार्टियों के गठबंधन के नाम को ‘इंडी’ पुकाराना भी शामिल हैं.
सम्मानजनक इंडिया कहने में क्या उन्हें गुरेज है, यह देश की जनता को समझना चाहिए. और अब विधानसभा चुनाव में ‘आप’ पार्टी को ‘आप दा’ कहना, सीधासीधा नरेंद्र मोदी के द्वारा राजनीति को गंदी राजनीति में बदलने का एक उदाहरण है.