सवाल

मैं 19 साल की लड़की हूं और हरियाणा के एक गांव में रहती हूं. हमारे यहां लड़की को घर पर बोझ समझ जाता है और उन्हें ज्यादा पढ़ने भी नहीं दिया जाता है. मैं ने 10वीं जमात पास की है और आगे भी पढ़ना चाहती हूं, पर घर वाले मेरी शादी करना चाहते हैं. इस बात से मैं बड़ी परेशान रहती हूं. मैं ऐसा क्या करूं कि मेरी इस समस्या का हल हो जाए?

जवाब

आप जैसे भी हो पढ़ाई जारी रखने की कोशिश करें. हरियाणा की कई लड़कियां जैसे कल्पना चावला, फोगाट बहनें  मानुषी छिल्लर, रानी रामपाल और कविता चहल साबित कर चुकी हैं कि छोरियां किसी छोरे से कम नहीं हैं. यह बात अपने घर वालों को समझाएं.

बिना पढ़ाई के लड़कियों की जिंदगी गुलामों सरीखी हो जाती है. अभी आप कम गुलाम हैं, शादी के बाद मुमकिन है कि ज्यादा गुलाम बन जाएं, इसलिए पढ़ाई की लड़ाई अभी लडि़ए. घर वालों को सम?ाएं कि जमाना बदल गया है और लड़कियां अब बोझ नहीं रहीं, बल्कि बोझ उठाने वाली बन रही हैं.

अपने गांव में अच्छी पारिवारिक मैगजीन मंगवा कर लोगों को पढ़ने दें. ‘सरिता’ और ‘गृहशोभा’ ऐसे कूपमंडूक लोगों को सही राह दिखाने वाली पत्रिकाएं हैं, जो किसी भी नजदीकी बुक स्टौल पर मिल जाएंगी.

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