अभी यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग खत्म नहीं हुई थी, एक और हमले की खबर ने पूरी दुनिया में तहलका मचा रखा है. हमास ने इजराइल में हमला कर 1,000 से ज्यादा लोगों की जानें ले लीं. हमास ने इजराइल पर एक के बाद एक कई रौकेट दाग कर तबाही मचा दी.

इस वक्त पूरे देश में हमास और इजराइल के बीच जारी इस जंग की चर्चा है. वैसे तो हमास और इजराइल के बीच की लड़ाई नई नहीं है, लेकिन

7 अक्तूबर, 2023 को हमास द्वारा किए गए हमले ने पूरे इजराइल को हिला कर रख दिया है. चारों तरफ सिर्फ तबाही का ही मंजर नजर आया. हमास ने कई नागरिकों, महिलाओं और बच्चों को बंधक भी बनाया.

हमास के हमले के बाद इजराइल ने जवाबी कार्यवाही शुरू की. इजराइल ने गाजा पट्टी पर बम बरसाना शुरू कर दिया. इस में भी 800 लोगों की मौत हो चुकी है और बहुत ज्यादा घायल हुए.

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हमला करने वालों को इस की कीमत चुकानी होगी. हमास ने गाजा पट्टी और इजराइल के एक बौर्डर को विस्फोटक से उड़ा दिया. गाजा पट्टी से लोग बौर्डर के जरीए इजराइल में दाखिल हुए. हम और भी कड़ी कार्यवाही करेंगे.

हमास है क्या

दरअसल, हमास एक फिलिस्तीनी आतंकी समूह है, जिस की स्थापना साल 1987 में पहले फिलिस्तीनी विद्रोह के दौरान शेख अहमद यासीन ने की थी. इस आतंकी समूह का मकसद फिलिस्तीन में इसलामिक राज्य स्थापित करना है.

12 साल की उम्र से व्हीलचेयर पर रहने वाले अहमद यासीन ने साल 1987 में इजराइल के खिलाफ पहले बगावत का ऐलान किया था. इस फिलिस्तीनी आतंकी समूह को ईरान का भी समर्थन है.

खबरों के मुताबिक, इजराइल पर हमास की अल कासिम ब्रिगेड ने हमला किया है. यह हमला इतना तेज और सटीक था कि इजराइल की पूरी डिफैंस लाइन बिखर गई. अल कासिम ब्रिगेड हमास की सब से खूंख्वार मिलिट्री यूनिट है. इस यूनिट में शामिल आतंकवादियों की तुलना आईएसआईएस से की जाती है.

अल कासिम ब्रिगेड को साल 1991 में बनाया गया था. उस वक्त इस का संबंध ओस्लो समझौते की वार्त्ता को रोकना था. 1994 से 2000 तक अल कासिम ब्रिगेड ने इजराइलियों के खिलाफ कई हमलों को अंजाम देने की जिम्मेदारी ली थी.

कई देशों की नजर

आप को बता दें कि हमास को सिर्फ इजराइल ही नहीं, बल्कि कई देश आतंकी संगठन मानते हैं. इन में अमेरिका, यूरोपीय संघ, कनाडा, मिस्र और जापान भी आतंकवादी संगठन मानता है.

लेकिन वहीं कुछ देश ऐसे भी हैं, जो हमास को आतंकी संगठन नहीं मानते. इन देशों में ईरान, चीन, मिस्र, नार्वे, ब्राजील, तुर्की, कतर, रूस और सीरिया शामिल हैं. हमास गाजा पट्टी इलाके में काफी ताकतवर है. फिलिस्तीनी कब्जे वाले इलाकों में भी हमास के समर्थक भारी तादाद में मौजूद हैं.

इस की शुरुआत कब

खबरों के मुताबिक, बात साल 2006 की है, जब फिलिस्तीनी संसदीय चुनावों में हमास की जबरदस्त जीत हुई थी और उस ने गाजा पट्टी पर कब्जा कर लिया था. हमास के कब्जे को तत्कालीन राष्ट्रपति अब्बास ने तख्तापलट करार दिया था.

यह वही समय था, जब से हमास और इजराइल के बीच खूनी संघर्ष का दौर शुरू हो गया, जिस के बाद अकसर गाजा से इजराइल में हमास के रौकेट हमले होते रहे हैं, वहीं इजराइल भी हवाई हमले और बमबारी करता रहा है.लेकिन 7 अक्तूबर, 2023 को हुए हमले ने पूरे इजराइल को दहला कर रख दिया. एक के बाद एक 5,000 रौकेट दागे गए. जो अब तक का सब से बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है.

भारत पर हमले का असर

अभी तक भारत और इजराइल के संबंध बेहद अच्छे रहे हैं. अरब देशों से भी भारत के अच्छे रिश्ते रहे हैं, लेकिन अरब और इजराइल देशों में तनाव के चलते अगले कुछ महीनों में तेल के दामों में वृद्धि से भारत पर उलटा असर पड़ सकता है, क्योंकि सारे अरब देश हमास के सपोर्ट में हैं और भारत का ज्यादातर तेल का आयात अरब देशों से ही होता है.

 

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