रमेश और प्रदीप बहुत अच्छे दोस्त थे. रमेश की शादी पहले हो गई थी. उस के बाद प्रदीप की शादी हुई. दोनों के बीच पतिपत्नी के आपसी संबंधों पर भी बात होती थी. इन में सब से बड़ा मुद्दा पत्नी के साथ सैक्स का होता था. इस में भी सब से हौट टौपिक यह होता था कि सैक्स में कितना समय लगता है. दोस्त होने के चलते वे दोनों खुल कर बात कर लेते थे.

एक दिन प्रदीप ने कहा, ‘‘यार, मेरा तो कई बार जल्दी ही डिस्चार्ज हो जाता है. अब तो पत्नी भी थोड़ा अलग तरह से सोचने लगी है. मैं ने कई जगह पढ़ा, सुना और देखा कि लोग लंबेलंबे समय तक संबंध बनाते हैं. जल्दी डिस्चार्ज नहीं होते. मैं ने सोचा कि क्यों न तुम से ही पूछ लिया जाए. तुम्हारी शादी को तो काफी समय हो गया है.’’

इस पर रमेश बोला, ‘‘दोस्त, यह सबकुछ आपसी तालमेल और अनुभव पर निर्भर करता है. इस को ऐसे समझो कि जैसे बचपन में साइकिल चलाना सीखते हैं तो पहले गिरते हैं, फिर संभलते हैं, तब कहीं जा कर अच्छी साइकिलिंग कर पाते हैं.

‘‘शादी के बाद पतिपत्नी दोनों को अनुभव कम होता है. ऐसे में कई बार नाकामी हाथ लगती है. आदमी जल्दी पस्त हो जाता है, जिसे शीघ्रपतन भी कहते हैं. पत्नी का सहयोग इस परेशानी को दूर करने का सब से अच्छा रास्ता होता है. यह कोई बीमारी नहीं है. यह तजरबे की कमी होती है.’’

शीघ्रपतन केवल प्रदीप की समस्या नहीं है. ऐसे तमाम नौजवान हैं, जो यह मानते हैं कि सैक्स में वे जल्दी पस्त हो जाते हैं. ऐसे लोग कई बार मानसिक रोग के शिकार हो जाते हैं. उन्हें लगता है कि वे सैक्स में अपने साथी को संतुष्ट नहीं कर सकते हैं. यह सोच जब दिमाग पर हावी होती है, तो परेशानी और ज्यादा बढ़ जाती है.

जल्दी पस्त होने की वजह
लखनऊ के डाक्टर जीसी मक्कड़ कहते हैं, ‘‘सैक्स आपसी तालमेल और अनुभव पर ही सुंतष्टि देता है. शीघ्रपतन के कई कारण होते हैं. इस के लिए जरूरी है कि पहले उस के लक्षणों को पहचाना जाए और उस के अनुसार इलाज किया जाए. कई बार केवल समझाने से ही समस्या का समाधान हो जाता है. अगर दिक्कत शारीरिक है, तो उस का अलग इलाज होता है.’’

30 से 40 फीसदी लोग इस परेशानी से पीड़ित हैं. जल्दी पस्त होने के कारणों में तनाव, अवसाद, शारीरिक कमजोरी, स्तंभन दोष यानी नपुंसकता प्रमुख होते हैं. शारीरिक कारण जैसे ब्लड प्रैशर में बढ़ोतरी, मधुमेह, थायराइड की समस्या या प्रोस्टैट रोग आदि भी हो सकते हैं.

दिमागी कारणों में शुरुआती यौन अनुभव, यौन शोषण, शीघ्रपतन की चिंता करना, गलत सोच, जो हस्तमैथुन को बढ़ावा देती है, शराब या नशीली दवाओं का सेवन और नींद न आना भी शामिल हैं. हस्तमैथुन के कारण भी कई बार जल्दी स्खलन हो जाता है.

खानपान और खराब जीवनशैली के कारण भी यह परेशानी होती है. खानपान की आदत का खराब होना, उचित मात्रा में समय पर भोजन न करना, विटामिन की कमी होना, पाचन तंत्र कमजोर होना और लगातार पेट खराब रहना, लंबे समय तक कब्ज रहना और खून व भूख की कमी से हार्मोन बहुत ज्यादा प्रभावित होते हैं, जिस से शरीर में वीर्य कम मात्रा में बनता है. अंग की नसें सिकुड़ जाती हैं, जिस से वीर्य का स्खलन जल्दी हो जाता है.

कैसे जानें यह होता है
सैक्स के दौरान समय से पहले वीर्य का जल्दी निकल जाना शीघ्रपतन कहलाता है. इसी को जल्दी पस्त होना कहते हैं. इस में अंग के योनि में प्रवेश के समय ही स्खलन होने लगता है. कई बार यह 1-2 बार अंग के प्रवेश पर ही हो जाता है. इस से कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं.

आत्मग्लानि, हीनभावना, असंतुष्ट होना और नैगेटिव सोच मन में भर जाती है. लोग अपने को कमजोर समझने लगते हैं. उन्हें लगता है कि साथी उन को छोड़ कर कहीं और जा सकता है.

कई बार बढ़ती उम्र की वजह से अंग की नसें कमजोर व ढीली हो जाने से उस में ढीलापन आ जाता है. इस वजह से यह वीर्य को रोके रखने में कामयाब नहीं होता और शीघ्रपतन हो जाता है.

शीघ्रपतन की परेशानी केवल मर्दों में होती है. औरतों को यह नहीं होता है. शीघ्रपतन का कोई निश्चित मापदंड नहीं है. यह हर इनसान के मानसिक और शारीरिक हालात पर निर्भर होता है.

समझदारी से लें काम
ज्यादातर लोग ब्लू फिल्में देखने, किताबों में गलत जानकारी पढ़ने से यह मान लेते हैं कि वे जल्दी पस्त हो जाते हैं. ब्लू फिल्मों में जो दिखाया जाता है, वह सच नहीं होता. वे फिल्में होती हैं और उन में दिखाए जाने वाले ऐक्टर होते हैं. ऐसे में उन से तुलना करना ठीक नहीं होता है.

कई जगहों पर नीमहकीम यह बताते हैं कि स्वप्नदोष और हस्तमैथुन के चलते लोग सैक्स में जल्दी पस्त हो जाते हैं, जो कि गलत सोच है.

आपसी सहयोग और समझदारी से जल्दी पस्त होने की परेशानी से बचा जा सकता है. सैक्स करने से पहले उस की तैयारी करें, जिसे फोरप्ले कहते हैं. साथी से यह जानने की कोशिश करें कि उसे क्या पसंद है.

सैक्स में जल्दबाजी न करें. सैक्स के लिए ऐसी जगह हो, जहां किसी तरह की असुरक्षा का माहौल न हो. इस तरह से जल्दी पस्त होने की परेशानी से बचा जा सकता है.

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