म ध्य प्रदेश के इंदौर में रहने वाली शोभा की उम्र तकरीबन 48 साल है. उस का पति दिलीप 52 साल का है. उन के 2 बच्चे हैं. देखने में तो यह एक सुखी परिवार लगता है, पर रात होते ही शोभा बिस्तर पर जाने से घबराती है. वजह, दिलीप अब भी खुद को 25 साल का बांका जवान समझता है और चाहता है कि शोभा उस की हर रात रंगीन कर दे.

पर शोभा का शरीर उस का साथ नहीं दे रहा है. मेनोपौज ने दस्तक दे दी है. नतीजतन, वह अब थकीथकी सी रहती है. मूड अपनेआप खराब हो जाता है. बिस्तर पर जाने के नाम पर खीज मचने लगती है. उस ने इशारे से दिलीप को बताने की कोशिश भी की, पर सब बेकार.

दरअसल, मेनोपौज की वजह से शोभा के अंग में सूखापन रहने लगा है. सैक्स करते हुए तेज दर्द होता है. दिन में काम करते हुए उसे अचानक से पसीना आ जाता है. माहवारी अनियमित रहती है. इस वजह से उसे रात को नींद नहीं आती है.

शोभा की समस्या जायज तो है, पर सवाल उठता है कि क्या बढ़ती उम्र में सैक्स सुख लिया जा सकता है? अगर पतिपत्नी में से कोई एक बिस्तर पर गरमी न दिखाए, तो दूसरे पार्टनर को क्या करना चाहिए? अगर पति ही पत्नी से दूरी बनाने लगे, तो पत्नी को क्या करना चाहिए?

सच तो यह है कि बढ़ती उम्र का सैक्स लाइफ से कुछ लेनादेना नहीं है. अगर पत्नी मन से तैयार नहीं होती है, तो पति का फर्ज बनता है कि पहले वह उस की बात सुने और उसे समझाए कि सैक्स को ले कर उस की उदासीनता तन से कम, बल्कि मन से ज्यादा है.

बहुत सी बार पत्नी घरेलू जिंदगी में इतनी ज्यादा उलझ कर रह जाती है कि बढ़ती उम्र उस के मन पर छा जाती है. अगर वह कामकाजी नहीं है, तो समस्या और ज्यादा बड़ी हो जाती है. पति को चाहिए कि वह उसे कहीं बाहर घुमाने ले जाए. यह एक तरह का दूसरा हनीमून कहा जाएगा, जहां पतिपत्नी अपने पुराने रोमांस को दोबारा हासिल कर सकते हैं.

किसी औरत को बढ़ती उम्र के साथ ज्यादा ही थकान रहने लगती है, तो वह डाक्टर की सलाह पर थायराइड और ब्लड सैल काउंट टैस्ट करा सकती है. अकसर बच्चे के जन्म या मेनोपौज के बाद औरतों में थायराइड की समस्या हो जाती है. ब्लड सैल काउंट टैस्ट से शरीर के अंदर खून की कमी के बारे में पता चल जाता है. फिर बीमारी के हिसाब से उस का इलाज शुरू किया जा सकता है.

अब मर्दों की बात करते हैं. उम्र बढ़ने के साथसाथ बहुत से मर्दों में जल्दी पस्त होने का डर मन में बैठ जाता है. अगर पति और पत्नी में उम्र का फर्क ज्यादा है, तो यह समस्या और ज्यादा बढ़ सकती है. अंग में पूरा तनाव न होना या संबंध बनाते समय अंग में जलन होना भी मर्दों को सैक्स से दूर करने लगता है.

इतना ही नहीं, ब्लड प्रैशर और डायबिटीज जैसी बीमारियां भी मर्दाना ताकत पर बुरा असर डालती हैं. काम का तनाव भी उन्हें बिस्तरबाजी से दूर करने की वजह बनता है.

50 साल की उम्र के बाद मर्दों में भी मेनोपौज जैसी समस्या उभर सकती है, जिसे एंड्रोपौज कहते हैं. इस में उम्र बढ़ने के साथसाथ उन में टैस्टोस्टैरोन की कमी होने लगती है. तो फिर इस सब का हल क्या है?

इस का हल है खुद पर उम्र को हावी न होने देना. रात को बिस्तर पर पतिपत्नी दिनभर की बोर कर देनी वाली बातें भूल जाएं और उन पलों को भरपूर जिएं. अपने खानपान का खास खयाल रखें. रात का भोजन हलका ही रखें और जल्दी खा लें. अगर दोनों के पास समय है, तो सुबह एकसाथ कसरत करें.

रात को बिस्तर पर जाने का मतलब यह नहीं होता कि बढ़ती उम्र में रोजाना सैक्स होगा ही, पर कपड़े ऐसे पहनें जो एकदूसरे को लुभाने वाले हों. रात को नहाने से शरीर की सुस्ती और बदबू दूर हो जाती है, तनाव भी दूर रहता है. ऐसा कर के आप एकदूसरे की बांहों में खो सकते हैं.

याद रखें कि अंगूर तो खट्टे भी निकल सकते हैं, पर किशमिश हमेशा मीठी ही होती है. बढ़ती हुई जिंदगी को किशमिश समझ कर स्वीकार करना चाहिए और पतिपत्नी को उम्र के इस पड़ाव पर अपने जिस्मानी रिश्ते का लुत्फ उठाना चाहिए.

अगर फिर भी जोश में कोई कमी है, तो डाक्टर से सलाह जरूर लें. बाजार में भी जोश बढ़ाने वाले तमाम साधन मौजूद हैं.

 

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