अपनी फेवरेट ऐक्ट्रैस को पहलू में देख कर उस लड़के को यकीन ही नहीं हुआ. दूरदूर तक कोई नहीं था. तनहाई में वे दोनों एकदूसरे से लिपटे हुए थे.

मौका देख कर उस लड़के ने ऐक्ट्रैस के कपड़े उतारने शुरू कर दिए, जिस पर उस ने कोई एतराज नहीं जताया, उलटे उस का साथ देने लगी. जल्द ही वह लड़का ऐक्ट्रैस पर छाने लगा और उस के नाजुक अंगों से खेलने लगा.

लेकिन एकाएक ही वह ऐक्ट्रैस उस लड़के को पीछे धकेलने लगी और वह लड़का तेजी से उस पर हावी होने की कोशिश करने लगा, जिस से उस की सांस धौंकनी की तरह चलने लगी. आज हाथ आया सुनेहरा मौका वह खोना नहीं चाहता था, इसलिए पूरी ताकत से कोशिश करने लगा, लेकिन अंजाम तक पहुंच पाता, इस के पहले ही...

उस लड़के की नींद टूट गई. हकीकत समझ आई तो न वह ऐक्ट्रैस थी, न उस का सैक्सी संगमरमरी जिस्म था और न ही वह आधीअधूरी हमबिस्तरी थी. था तो चिपचिपा वीर्य, जिस से उस का अंडरवियर गीला हो गया था.

खुद को काबू करने की कोशिश करते हुए वह लड़का एहतियात से आसपास का जायजा लेने लगा. जब यह इतमीनान हो गया कि सभी सो रहे हैं, तो वह आहिस्ता से उठ कर बाथरूम में गया, अंडरवियर उतार कर पोंछा और फिर पहन लिया. बिस्तर तक वापस आते हुए वह खुद पर और सपने पर झल्ला रहा था कि यह सब हमेशा की तरह आधाअधूरा क्यों रह गया?

यह कोई नई बात नहीं थी. उस लड़के के साथ अकसर ऐसा पिछले कुछ दिनों से हो रहा था कि नींद में कोई ऐक्ट्रैस, लड़की, पड़ोसन भाभी या कोई अनजान औरत सपने में आती थी और सैक्स करती थी, लेकिन बीच में ही सपना टूट जाता था और अंडरवियर गीला हो जाता था.

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