अगर किसी लड़की के सैक्स संबंध के चलते बच्चा ठहर जाए, तो गर्भपात तुरंत कराना चाहिए. कई वजहों से गर्भपात कराना पड़ जाता है. कई बार अनचाहे गर्भधारण के चलते भी ऐसे कदम उठाने पड़ जाते हैं.

वजह चाहे जो भी हो, गर्भपात कराने से लड़की पर मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से गहरा असर पड़ता है. बच्चे होने से अच्छा गर्भपात कराना ही सुरक्षित है. हर मामले में गर्भपात कराने के बाद लड़की राहत की सांस लेती है.

गर्भपात कराने के बाद शारीरिक साइड इफैक्ट्स से कहीं ज्यादा भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक

असर देखा गया है और इस में मामूली दुख से

ले कर डिप्रैशन तक जैसी गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

गर्भपात कराने के बाद किसी ऐसी अनुभवी बड़ी लड़की से सभी खतरों के बारे में हर तरह की चर्चा कर लेना बहुत जरूरी है, जो आप के सभी सवालों और इन से जुड़े उसी का जवाब दे सके.

नकारात्मक, भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक असर से जुड़ा एक सब से बड़ा फैक्टर यह है कि आप के शरीर को यही लगता रहता है कि आप के अंदर अभी भी बच्चा पल रहा है.

कुछ लड़कियों में नैगेटिव फीलिंग ज्यादा होती है, क्योंकि गर्भधारण को ले कर उन का नजरिया बिलकुल अलग रहता है और वे सम?ाती हैं कि भ्रूण एक अविकसित जीव था, जो गया सो गया, पर कुछ लड़कियां गर्भपात कराने के बाद ज्यादा तनाव महसूस करती हैं.

खानपान में डिसऔर्डर, बेचैनी, गुस्सा, अपराधबोध, शर्म, आपसी संबंध की समस्याएं, अकेलापन या अलगथलग रहने का अहसास, आत्मविश्वास में कमी, अनिद्रा, आत्महत्या का विचार इस के साइड इफैक्ट्स में शामिल है.

गर्भपात कराने के बाद मुमकिन है कि किसी को भी अनचाहे भावनात्मक या मानसिक साइड इफैक्ट्स का अनुभव हो. आमतौर पर लड़कियों का अनुभव बताता है कि गर्भपात कराने को ले कर जितना वे उम्मीद कर रही थीं, उस से कहीं ज्यादा उन्हें इस प्रक्रिया से ?ोलना पड़ा.

जिन लड़कियों पर नैगेटिव भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक साइड इफैक्ट्स पड़ने की उम्मीद ज्यादा रहती है, उन में निम्न लड़कियां शामिल हैं :

* जो लड़कियां पहले से ही किसी दूसरी भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक परेशानी से जू?ा रही हैं.

* जो लड़कियां गर्भपात कराने

के लिए बहकाई गई हों और प्रेमी ने

शादी से इनकार कर दिया हो.

* गर्भपात को ले कर जिन लड़कियों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हों.

* जिन लड़कियों को लगता हो कि गर्भपात कराना पाप या अनैतिक है.

* जिन लड़कियों को इस के लिए अपने पार्टनर का सहयोग नहीं मिल रहा हो.

लड़कियों के लिए सु?ाव

मदद लें : अनियोजित यानी शादी से पहले गर्भ से डर, विवाह के बाद जल्दी या दूसरेतीसरे बच्चों के चलते गर्भधारण की समस्या से निबटने के लिए शायद सब से जरूरी चीज होती है, ऐसे प्रशिक्षित प्रोफैशनल्स से सलाह देना, जो आप के सवालों का जवाब दे सके और आप की पर्स या पोजीशन पर चर्चा कर सके.

यदि आप बेचैनी का अनुभव कर रही हैं, तो सलाह ले सकती हैं. एकांत में रहने से बचें. अगर आप अनियोजित गर्भधारण की समस्या से जू?ा रही हैं, तो हो सकता है कि आप इस समस्या को राज रखने के लिए दूसरों से कटने लगेंगी या अकेले ही इस समस्या का सामना करने की सोचेंगी.

हालांकि यह मुश्किल हो सकता है, लेकिन इस बारे में अपने परिवार वालों और दोस्तों को बताने की कोशिश करें, जो आप को सहयोग कर सकें. ऐसे हालात में खुद को अलगथलग रखने से आप डिप्रैशन की शिकार हो सकती हैं.

अपने हालात का जायजा लें : उन लड़कियों की समस्याओं पर गौर करें, जिन्हें एक या ज्यादा साइड इफैक्ट्स का अनुभव हुआ हो. अपनी समस्या के बारे में किसी ऐसे करीबी को बताएं, जो आप के नजरिए में आप का सहयोग कर सके और आप को सम?ा सके.

तनाव से बचें : ऐसे लोगों से बचें, जो आप पर इस तरह का दबाव बना रहे हों कि वे जो सोचते हैं, वही सब से अच्छा है. आप चाहे मां बनना चाहें, बच्चे गोद लेना चाहें या गर्भपात कराना चाहें, आप अपनी पसंद के साथ जीने के लिए आजाद हैं यानी कोई भी फैसला 100 फीसदी आप का ही होना चाहिए.

दूसरों से चर्चा करें : किसी ऐसी लड़की से मिलें, जो गर्भपात करा चुकी हो, ताकि पता चल सके कि कैसा अनुभव होता है.

गर्भपात के बाद लड़कियों में अलगअलग शारीरिक साइड इफैक्ट्स हो सकते हैं. गर्भपात के बाद संभावित विस्तृत साइड इफैक्ट्स के बारे में किसी अनुभवी हैल्थ प्रोफैशनल और डाक्टर से जानकारी पाना जरूरी है.

यह भी जरूरी है कि गर्भपात के 4-6 हफ्ते बाद आप की मासिक क्रिया सही हो जाए और गर्भपात कराने के बाद आप दोबारा मां बनने लायक हो जाएं. इंफैक्शन से बचने के लिए अपने डाक्टर की सलाह के मुताबिक ही दवाओं का सेवन करना जरूरी है.

एक बात याद रखें कि अगर आप ने गर्भपात कराया है तो भी होने वाले पति को कभी पता नहीं चलेगा कि आप उस से गुजर चुकी हैं, इसलिए शादी से पहले कराए गए गर्भपात के बारे में कभी पति को या पति के सामने डाक्टर को न बताएं.

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