कि सान रमुआ के बेटों राम व रणवीर की शादी उन्हीं की तरह 2 जुड़वां बहनों रेखा और सीमा से हुई थी. रेखा 2 मिनट बड़ी थी, पर लगती छोटी थी. सीमा सुडौल और चुस्त लगती थी. पर एक मिनट बड़े भाई राम और रणवीर में कोई फर्क नहीं दिखता था.

रमुआ सब की मदद करने वाला और मीठा बोलने वाला इनसान था. उस के पास 50 एकड़ जमीन, पक्का मकान और कहना मानने वाले बेटे थे, जो पिता को मां की कमी खलने नहीं देते थे.

शादी के बाद दोनों बहनें सुखी थीं और घर का ध्यान रखती थीं. रेखा को सब गाय जैसी सीधी मानते थे और वह सब के खानेपीने का ध्यान रखती थी. सीमा सारा समय खेतों में लगा देती थी. छोटा भाई रणवीर बड़े भाई राम और भाभी रेखा का कहना मानता था.

राम कभीकभी बीज लेने और गल्ला बेचने शहर जाता था. रणवीर घर और खेत का काम देखता था. राम रात होने से पहले घर आ जाता था.

राम ने एक दिन सरपंच से सुना कि पास के कृषि महाविद्यालय में उन्नत खेती की एक महीने की पढ़ाई करने पर सरकार ट्रैक्टर खरीदने के लिए कर्ज दे देती है.

राम ने अपना नाम लिखवा दिया. रेखा को यह अच्छा नहीं लगा, पर राम चला गया. रेखा उदास हो गई.

2-3 दिन सब ठीक रहा, पर चौथे दिन जब सब खेत पर थे, तो रणवीर किसी काम से घर आया. दरवाजा बंद करते ही रेखा रणवीर से लिपट गई और कहने लगी, ‘‘आप जल्दी आ गए, बहुत अच्छा किया. मैं आप के बिना नहीं रह सकती.’’

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