गीता, ओ गीता. कहां है यार, मैं लेट हो रहा हूं औफिस के लिए. जल्दी चल... तुझे कालेज छोड़ने के चक्कर में मैं रोज लेट हो जाता हूं.’’ ‘‘आ रही हूं भाई, तैयार तो होने दो, कितनी आफत मचा कर रखते हो हर रोज सुबह...’’ ‘‘और तू... मैं हर रोज तेरी वजह से लेट हो जाता हूं