घना जानता था कि श्यामा निचली जाति की लड़की है, पर उस के अच्छे बरताव की वजह से वह उस के प्रति खिंचता चला गया था. यहां तक कि वह श्यामा से शादी करने को भी तैयार था.
वैसे, घना जाति प्रथा को भारतीय समाज के लिए अभिशाप मानता था और अकसर अपने दोस्तों के साथ अंधविश्वास, जाति प्रथा जैसी बुराइयों पर बड़ीबड़ी बातें भी करता था.
घना कई बार अपने मन की बात श्यामा तक पहुंचाने की कोशिश कर चुका था, पर श्यामा ने उसे कभी भी आगे बढ़ने का मौका नहीं दिया था.
आज घना को श्यामा से अकेले में बात करने का मौका मिल गया था और वह इस मौके को खोना नहीं चाहता था.
श्यामा आ रही थी. घना ने अपने गांव के दोस्तों को पहले ही चले जाने के लिए कह दिया था और खुद श्यामा का इंतजार कर रहा था.
जैसे ही श्यामा उस के करीब से गुजरी, घना ने उसे रुकने को कहा.
‘‘श्यामा,’’ घना ने अपना गला साफ करते हुए कहा.
‘‘जी,’’ श्यामा ने एक पल के लिए घना की ओर देखा और आगे बढ़ गई.
‘‘आज मौसम बहुत खराब है,’’ घना बोला.
श्यामा ने कुछ नहीं कहा.
‘‘श्यामा, मैं तुम से कुछ बात कहना चाहता हूं.’’
श्यामा फिर भी चुप रही. घना श्यामा के बहुत करीब आ गया.
श्यामा घना की बात को अच्छी तरह से सम?ा रही थी. उस ने गुस्से से घना की तरफ देखा.
घना थोड़ा सा सहम गया था, पर वह सोचने लगा कि अगर आज नहीं कहेगा, तो वह अपनी बात कभी नहीं कह पाएगा.
‘‘श्यामा... मैं...मैं... तुम से बहुत प्यार करता हूं.’’