‘‘मेरे पिता मेरी मां को बहुत प्यार करते थे. मां की अचानक मौत से वे इतने दुखी हुए कि उन्होंने खूब शराब पीनी शुरू कर दी. मैं बड़ी होने लगी थी, मुझ में अच्छेबुरे की समझ भी आने लगी थी.
‘‘पिता ने एक के बाद एक 4 शादियां कर डालीं. पहली 2 बीवियों को वे अपने दोस्तों को सौंपते रहे, जिस से तंग आ कर उन्होंने नदी में डूब कर जिंदगी खत्म कर ली.
‘‘तीसरी से शादी रचा कर उस के साथ भी वही बुरा काम वे करते रहे. उस ने बहुत समझाया, पर पिता नहीं माने. ‘‘एक दिन उस ने भी अपने मायके में जा कर खुदकुशी कर ली.
‘‘मेरे पिता पर उन की खुदकुशी करने का कोई असर नहीं पड़ा. पैसे के बल पर उन के खिलाफ कोई केस नहीं बन पाया.
‘‘चौथी औरत इतनी खूबसूरत थी कि अपने प्रेमभाव से मेरे पिता को वश में करते हुए उन की बुरी आदतें कई महीने तक छुड़ा दीं. तब मैं 15 साल की उम्र पार कर चुकी थी.
‘‘चौथी मां भी मुझे अपनी सगी बेटी की तरह प्यार करती थी. 3 साल तक वह मुझे पालती रही, लेकिन उसे कोई ऐसी खतरनाक बीमारी लगी कि मर गई.
‘‘मेरे जल्लाद पिता फिर से शराब पीने लगे, बाजारू औरतों को घर में बुला कर ऐयाशी करने लगे. मैं अकसर देखती, तो आंखें बंद कर लेती.
‘‘उन के दोस्त भी अकसर घर पर आ कर शराब पीते और औरतों से ऐश करते. उन की गिद्ध जैसी नजरें मुझे भी देखतीं, मानो मौका पाते ही वे मुझे भी नहीं छोड़ेंगे.
‘‘मैं उन से दूर रहती थी. उन से बचने के लिए अकसर रात को अपनी सहेलियों के यहां सो जाती थी.