रमा ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि कोई दूसरा पुरुष उस के भीतर इस तरह रचबस जाएगा कि उस के जीवन की गणितीय रेखाएं आपस में उलझ कर रह जाएंगी.