उपहार के सामने एक तरफ नयना का प्यार था जबकि दूसरी तरफ पिताजी का स्नेह. लेकिन चुनाव तो एक का ही करना था. वह इन दोनों को किसी भी हाल में नहीं खोना चाहता था. लेकिन एक दिन ऐसा हुआ कि...