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कहानी
Mother’s Day Special: मां का फैसला
उसे चाय का प्याला थमा कर जब मैं लौटने लगी तो उस ने मेरा हाथ पकड़ कर रोक लिया और रोने लगी.
Digital Team
,
May 12, 2021
भाग - 1
सुरेश और प्रभाकर के बीच उलझी बिट्टी यह नहीं समझ पा रही थी कि अपने जीवनसाथी के रूप में किसे चुने. सुरेश को, जिस के साथ हंसतेखेलते वह जवान हुई थी या प्रभाकर को, जो केवल 2 वर्ष पूर्व ही उस की जिंदगी में आया था.
भाग - 2
दूसरे दिन से मैं बिट्टी के विषय में चौकन्नी हो गई. प्रभाकर का फोन आते ही मैं सतर्क हो जाती.बिट्टी का उस से बात करने का ढंग व चहकना देखती.
भाग - 3
धीरेधीरे 2 वर्ष बीत गए. बिट्टी बीएड करने लगी. उस के विवाह का जिक्र मैं पति से कई बार चुकी थी.
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