रात के 10 बज रहे थे. जेल में चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ था. कैदियों को उन के बैरकों में भेज दिया गया था और अब तक उन में से ज्यादातर सो गए थे, तो कुछ सोने की तैयारी कर रहे थे.