कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

केक काटने की रस्म हो चुकी थी, अब बारी थी स्पीच देने की. सुगंधा ने तो उस शाम के लिए कुछ नहीं लिखा था क्योंकि सचाई पब्लिक में सुनाने लायक नहीं थी और झूठ को शब्दों का रुपहला जामा पहनाने की हिम्मत अब शिथिल होने लगी थी. मगर इंद्र ने पिछले कई महीनों से परिश्रम कर के, चिंतनमनन करकर के शब्दों का मखमली जाल बुना था और नातेरिश्तेदारों का दिल छू लेने वाली स्पीच तैयार की थी.

उस ने बड़े आत्मविश्वास के साथ स्पीच देना शुरू किया, ‘‘सुगंधा इज माई बैटरहाफ. मैं सुगंधा के बिना अपने वजूद की कल्पना भी नहीं कर सकता. सुगंधा मेरी वाइफ ही नहीं, मेरी लाइफ हैं. सुगंधा ही हैं जिन्होंने मेरे विचारों को पंख दिए हैं. सुगंधा वे हैं जो हर अच्छेबुरे वक्त में परछाईं की तरह मेरे साथ खड़ी रह कर मेरी ताकत बनी रही हैं. सुगंधा अपने नाम को पूर्ण सार्थक करते हुए मेरे जीवन के उपवन को महका कर खुशगवार बनाती रही हैं.

ये भी पढ़ें- वह फांकी वाला : सुनसान गलियों की कहानी

‘‘जब शादी की रात सुगंधा ने डरतेडरते मुझे बताया कि उन को दिल में छेद की बीमारी है और बच्चे को जन्म देना उन के लिए खतरनाक हो सकता है तो मैं ने उन से वादा किया था कि वे जैसी हैं, मुझे स्वीकार हैं. इतना ही नहीं, उस दिन के बाद मैं ने अपने कलेजे पर पत्थर रख लिया और सुगंधा के सामने संतान की चाहत या संतान न होने का मलाल भूल कर भी नहीं जताया. मैं ने वादा किया था और जगजाहिर है कि उसे निभा कर भी दिखा दिया.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
  • 24 प्रिंट मैगजीन

डिजिटल

(1 महीना)
USD4USD2
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
 
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...