कोलकाता से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर समीर ने कुछ  ही दिन पहले नौकरी जौइन की थी. वह वहां के गार्डन रीच वर्कशौप में ट्रेनिंग ले रहा था जो रक्षा मंत्रालय के अधीन भारत सरकार का एक उद्यम है. वहां जहाज निर्माण से ले कर उन के रखरखाव की भी सुविधा है.

कोलकाता के मटियाबुर्ज महल्ला में स्थित गार्डन रीच वर्कशौप देश का जहाज बनाने का प्रमुख कारखाना है. यह मुख्य शहर से दूर है. समीर झारखंड के धनबाद शहर का रहने वाला है, जिसे कोल कैपिटल औफ इंडिया भी कहा जाता है. यही उस की एक साल की ट्रेनिंग थी. कोलकाता में वह धर्मतल्ला में एक कमरे के फ्लैट में एक अन्य युवक के साथ शेयर कर के रहता था.

मटियाबुर्ज धर्मतल्ला से लगभग 13 किलोमीटर दूर है. इस का भी एक इतिहास है, अवध के नवाब वाजिद अली शाह ने अंगरेजों के चंगुल से भाग कर यहीं आ कर शरण ली थी. मटियाबुर्ज बहुत गंदा इलाका था और वहां मुख्यता: अनस्किल्ड लेबर ही रहते थे. ज्यादातर मजदूर बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश से आते हैं.

समीर वर्कशौप जाने के लिए फ्लैट से थोड़ी दूर पैदल चल कर धर्मतल्ला बस स्टौप से सुबह 8 बजे की बस पकड़ता था. 9 बजे तक उसे औफिस पहुंचना होता था. उस के फ्लैट से कुछ दूरी पर स्थित एक फ्लैट से एक युवती भी रोज उसी बस को पकड़ती थी.

शुरू में तो समीर को उस में कोई दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन लगातार एक ही स्टैंड से रोज बस पकड़ने, एक ही बस में आनेजाने से समीर का उस युवती के प्रति खासा आकर्षण हो गया था.

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