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सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड्स 2025
कहानी

औरों से आगे

यों सिद्धांत रूप में तो अम्मां अंतर्जातीय विवाह के विरुद्ध नहीं थीं परंतु जब अपने घर में ऐसे विवाहों की बात उठी तो पूर्वाग्रहों से ग्रस्त वह सहर्ष अपनी स्वीकृति देने में हिचकिचा रही थीं.

  • Digital Team
  • ,
  • Apr 30, 2020
भाग - 1

‘‘अंतर्जातीय विवाहों से हमारे आचारविचार में छिपी संकीर्णता खत्म हो जाती है. अंधविश्वासों व दकियानूसीपन के अंधेरे से ऊपर उठ कर हम एक खुलेपन का अनुभव करते हैं.

भाग - 2

अम्मां सन्न रह गई थीं. जब उन का मौन टूटा तो मुंह से पहला वाक्य यही निकला था, ‘‘आज तुम्हारे पिताजी जिंदा होते तो क्या घर में ऐसा होता? उन्हें बहुत दुख होता.

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