माधव कृतिका की स्थिति देख कर बेचैन हो गया था. डाक्टर ने भी हाथ खड़े कर दिए थे, लेकिन ऐसा लग रहा था जैसे कृतिका की पथराई आंखें किसी का इंतजार कर रही हों.