सरस सलिल विशेष
केशव हाल ही में तबादला हो कर बस्तर से जगदलपुर के पास सुकुमा गांव में रेंजर पद पर आए थे. जगदलपुर के भीतरी इलाके नक्सलवादियों के गढ़ हैं, इसलिए केशव अपनी पत्नी करुणा और दोनों बच्चों को यहां नहीं लाना चाह रहे थे.
एक दिन केशव की नजर एक मजदूरिन पर पड़ी, जो जंगल में सूखी लकडि़यां बीन कर एक जगह रखती जा रही थी.
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