मैं सोच रही थी कि एक हिसाब से तो हरीश की बात में सच था. आजकल चोरियां भी बढ़ गई थीं और गांव में शाम से ही बिजली भी नहीं थी. अंधेरे में हम उन तीनों को ठीक से पहचान भी नहीं पाए थे. हरीश ने भी रामू को आवाज से ही पहचाना था.