कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

Family Story in Hindi: पिंकी के स्कूल की छुट्टी है पर उस की मम्मी को अपने औफिस जाना है. पिंकी उदास है. वह घर में अकेली शारदा के साथ नहीं रहना चाहती और न ही वह मम्मी के औफिस जाना चाहती है. वहां औफिस में मम्मी उसे एक कुरसी पर बिठा देती हैं और कहती हैं, ‘तू ड्राइंग का कुछ काम कर ले या अपनी किताबें पढ़ ले, शैतानी मत करना.’ फिर उस की मम्मी औफिस के काम में लग जाती हैं और वह बोर होती है. अपनी छुट्टी वाले दिन पिंकी अपने मम्मीपापा के साथ पूरा समय बिताना चाहती है. पर दोनों अपनाअपना लंचबौक्स उठा कर औफिस चल देते हैं. हां, इतवार के दिन या कोईर् ऐसी छुट्टी जिस में उस के मम्मी व पापा का भी औफिस बंद होता है, तब जरूर उसे अच्छा लगता है. इधर 3 वर्षों से वह देख रही है कि मम्मी और पापा रोज किसी न किसी बात को ले कर झगड़ते हैं.

3 साल पहले छुट्टी वाले दिन पिंकी मम्मीपापा के साथ बाहर घूमने जाती थी, कभी पार्क, कभी पिक्चर, कभी रैस्टोरैंट, कभी बाजार. इस तरह उन दोनों के साथ वह खूब खुश रहती थी. तब वह जैसे पंख लगा कर उड़ती थी. वह स्कूल में अपनी सहेलियों को बताती थी कि उस के मम्मीपापा दुनिया के सब से अच्छे मम्मीपापा हैं. वह स्कूल में खूब इतराइतरा कर चलती थी.

अब वह मम्मीपापा के झगड़े देख कर मन ही मन घुटती रहती है. पता नहीं दोनों को हो क्या गया है. पहली बार जब उस ने उन दोनों को तेजतेज झगड़ते देखा था तो वह सहम गई थी, भयभीत हो उठी थी. उस का नन्हा सा मन चीखचीख कर रोने को करता था.

‘आज तुम्हारी छुट्टी है पिंकी, घर पर ठीक से रहना. शारदा आंटी को तंग मत करना,’ उस की मम्मी उसे हिदायत दे कर औफिस के लिए चली जाती हैं. बाद में पापा भी जल्दीजल्दी आते हैं और उस के सिर पर प्यार से हाथ फेरते हुए उसे ‘बाय’ कहते हुए वे भी चले जाते हैं. घर में वह और शारदा आंटी रह जाती हैं. शारदा आंटी घर के काम में लग जाती हैं. काम करने के बाद वे टीवी खोल कर बैठ जाती हैं. पिंकी के नाश्ते व खाने का पूरा खयाल रखती हैं शारदा आंटी. जब वह बहुत छोटी थी तब से ही शारदा आंटी उस की देखभाल के लिए आती थीं. पिंकी को नाश्ते में तथा खाने में क्या पसंद है, क्या नहीं, यह शारदा आंटी अच्छी तरह जानती थीं, इसीलिए पिंकी शारदा आंटी से खुश रहती थी. अब रोजरोज मम्मीपापा को झगड़ते देख वह अब खुश रहना ही भूल गई है.

स्कूल में पहले वह अपनी सहेलियों के साथ खेलती थी, अब अलग अकेले बैठना उसे ज्यादा अच्छा लगता है. एक दिन अपनी फ्रैंड निशा से उस ने पूछा था, ‘निशा, अलादीन के चिराग वाली बात तूने सुनी है?’

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...