खुशी जैसी सुशील पत्नी, प्यारा सा बेटा, भरापूरा व्यापार और अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा को मैं ने अपनी ही बेवकूफी से गंवा दिया था. लेकिन जब तक मुझे कुछ समझ आता तब तक काफी देर हो चुकी थी...