मां के निधन के बाद पिता का जो विकृत चेहरा सामने आया, उस ने लिपि की सारी खुशियों को चकनाचूर कर दिया. क्या वाकई व्यक्ति की वासना इतनी अंधी होती है कि वह रिश्तों की गरिमा ही भूल जाए?