प्रोफेसर गौतम ने रवि पर जो एहसान किया था उस ने रवि के मन में प्रोफेसर की छवि एक महापुरुष की बना दी थी, लेकिन प्रोफेसर जानते थे कि वे महापुरुष नहीं हैं बल्कि वे अपने ऊपर चढ़े बरसों पुराने एहसान को उतारने की कोशिश कर रहे हैं.