कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

Writer- संध्या 

स्निग्धा का इंटरव्यू लगभग साढे़ 10 बजे खत्म हो गया था. उस के बाद वे दोनों खाली थे. उन के कदम साउथ इंडियन कौफी हाउस में जा कर रुके. वहां एकांत होने के साथसाथ नीम अंधेरा रहता था. वे दोनों खुल कर अपने मन की गांठें खोल सकते थे और एकदूसरे की आंखों के रास्ते मन की बातें जान सकते थे. कोल्ड कौफी का और्डर देने के बाद निशांत ने उस के सूखे उदास चेहरे की तरफ देखा. वह तो जैसे लगातार उसे ही देखे जा रही थी. वे दोनों एकदूसरे को देख तो रहे थे परंतु उन के मन में संकोच था. बातचीत का सिलसिला कहां से आरंभ हो, कौन पहल करे, यही बात उन दोनों के मन में घुमड़ रही थी.

तब तक कोल्ड कौफी के लंबेलंबे 2 गिलास उन के सामने रखे जा चुके थे.

स्निग्धा वैसे चंचल रही थी परंतु आज चुप थी. निशांत स्वभाव से ही अंतर्मुखी था. अंतर्मुखी नहीं होता तो स्निग्धा आज उस की होती. तब वह अपने मन की बात उस से नहीं कह पाया था. क्या आज कह पाएगा? आज स्निग्धा के पास समय भी था और वह उस के सामने बैठी थी, उस की बात सुनने के लिए परंतु एक रुकावट थी जो बारबार निशांत को परेशान किए जा रही थी. स्निग्धा पहले से ही राघवेंद्र की है. उस को छोड़ कर क्या वह उस की हो सकती थी? ऐसा संभव तो नहीं था. स्निग्धा के विद्रोही स्वभाव से वह परिचित था. वह जो ठान लेती थी उसे कर के ही मानती थी. भले ही बाद में उसे नुकसान उठाना पड़े.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
  • 24 प्रिंट मैगजीन

डिजिटल

(1 महीना)
USD4USD2
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
 
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...