Writer- डा. नीरजा श्रीवास्तव ‘नीरू’
‘‘साहिल,मेरी किट्टी पार्टी 11 बजे की थी... मैं लेट हो गई. जाती हूं, तुम लंच कर लेना. सब तैयार है... ओके बाय जानू्,’’ कह मौज ने साहिल को फ्लाइंग किस किया और फिर तुरंत दरवाजा खोल चली गई.
‘‘एक दिन तो मुझे बड़ी मुश्किल से मिलता है... उस में भी यह कर लो वह कर लो... चैन से सोने भी नहीं देती यह और इस की किट्टी,’’ साहिल ने बड़बड़ाते हुए उठ कर दरवाजा बंद किया और फिर औंधे मुंह बिस्तर पर जा गिरा.
‘‘उफ यह तेज परफ्यूम,’’ उस ने पिलो को अपने चेहरे के नीचे दबा लिया. शादी के पहले जिस परफ्यूम ने उसे दीवाना बना रखा था आज वही सोने में बाधा बन रहा था.
शाम 5 बजे मौज लौटी तो अपनी ही मौज में थी. किट्टी में की गई मस्ती की ढेर सारी बातें वह जल्दीजल्दी साहिल से शेयर करना चाहती थी.
‘‘अरे सुनो न साहिल... तरहतरह के फ्लेवर्ड ड्रिंक पी कर आई हूं वहां से... कितनी रईस हैं राखी... कितनी तरह की डिशेज व स्नैक्स थे वहां... कितने गेम्स खेले हम ने तुम्हें पता है?’’
‘‘अरे यार मुझे कहां से पता होगा... तुम भी कमाल करती हो,’’ साहिल ने चुटकी ली.
‘‘हम सब ने रैंप वाक भी किया... मेरी स्टाइलिंग को बैस्ट प्राइज मिला.’’
‘‘अच्छा... उन के घर में रैंप भी बना हुआ है?’’ वह मुसकराया.
‘‘घर में कहां थी पार्टी... इंटरनैशनल क्लब में थी.’’
‘‘अरे तो इतनी दूर गाड़ी ले कर गई थीं? नईनई तो चलानी सीखी है... कहीं ठोंक आती तो?’’
‘‘माई डियर, अपनी गाड़ी से मैं सिर्फ राखी के घर तक ही गई थी. वहां से सब उन की औडी में गए थे. क्या गाड़ी है. मजा आ गया... काश, हम भी औडी ले सकते तो क्या शान होती हमारी भी... पर तुम्हारी क्व40-50 हजार की सैलरी में कहां संभव है,’’ मौज थोड़ी उदास हो गई.