Writer-  रमेश मनोहरा

रमजान मियां का आज पूरा कुनबा खुश था. उन का छोटा 2 कमरे का मकान खाने की खुशबू से महक रहा था. 20 साल बाद उन की सब से छोटी बेटी सानिया जो आ रही?थी.

सानिया ने खिलाफत कर के हिंदू लड़के से शादी की थी, तभी से उन्होंने बेटी से रिश्ता तोड़ दिया था. न तो कभी बुलाने की कोशिश की और न ही कभी मिलने गए.

रमजान मियां की 4 बेटियों के बाद सानिया पैदा हुई थी. मतलब, वह उन की 5वीं बेटी थी. आखिर में लड़का पैदा हुआ था.

रमजान मियां सरकारी मुलाजिम रहे थे. आज उन्हें रिटायर हुए 20 साल हो गए थे. वे जब सरकारी नौकरी में थे, तब 1-1 कर के 4 बेटियों की शादी कर चुके थे. जब वे रिटायर हुए, तब सानिया की शादी की जिम्मेदारी रह गई थी.

सानिया काफी खूबसूरत थी. वह सब से ज्यादा पढ़ीलिखी भी थी. जब वह निकाह के लायक हुई, उस के लिए दूल्हे की खोज शुरू हो गई थी.

कई लड़के देखने के बाद फिरोज खान से बात चल रही थी. इसी बीच सानिया और सुरेश शर्मा में इश्क परवान चढ़ गया था.

सुरेश शर्मा उस के कालेज में ही था.  जब उन्हें पता चला, तब फिरोज खान के घर वाले सानिया को देखने आने वाले थे.

फिरोज खान के साथ उस के अब्बा, अम्मी और परिवार के दूसरे लोग आए थे, मगर सानिया उस समय घर में नहीं थी.

मेहमान बैठकखाने में थे. जिस बेटी को देखने आ रहे थे, वही बेटी सुबह सहेली के यहां न्योता देने की कह कर गई थी. अभी तक आने का ठिकाना नहीं. जिस सहेली की कह कर गई थी, उस ने भी इनकार कर दिया था कि वह यहां नहीं आई.

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