कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

घर आ कर कुरैशा छत पर जा कर बैठ गई. अभी भी गुस्से से उस के चेहरे की मांसपेशियां तनी हुई थीं. अपनी ही बहन अजीजा के प्रति उस का मन कड़वाहट से भरा था.

अभी पिछले बरस तक तो अजीजा का भरापूरा खुशियों से लहलहाता घरपरिवार था. 4 बेटे और 2 बेटियों के साथ जिंदगी मजे से कट रही थी. खिदमतगुजार अजीजा शौहर को हाकिम समझती रही. उन की हां और ना पर ही घर के फैसले लिए जाते. बहस की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ती थी अजीजा कभी भी.

मगर दूसरी बेटी का रिश्ता एक धन्नासेठ के सजायाफ्ता बेटे से करने के फैसले को ले कर पतिपत्नी के बीच मनमुटाव हो गया. 22 साल की जिंदगी में पहली बार अनवार मियां ने अजीजा को अपने सामने मुंह खोल कर विरोध करते देखा. तिलमिला गए वह. मर्दाना गुरूर का सांप फन उठा कर खड़ा हो गया. 3-4 थप्पड़ जड़ दिए अजीजा के गाल पर. लेकिन बदन के निशान अजीजा को उस के फैसले से डिगा नहीं पाए. नतीजा तलाक, तलाक, तलाक. बरसों के रूहानी, जिस्मानी, सामाजिक और मजहबी रिश्ते की धज्जियां उड़ा दीं पुरुष प्रधान समाज के एक प्रतिनिधि ने अपने अहं को चूरचूर होते देख कर.

धार्मिक कानून को कट्टरता से मानते हुए अनवार मियां ने एक ही झटके में तिनकातिनका जोड़ कर घरगृहस्थी जमाने वाली, सुखदुख में बराबर शामिल रहने वाली अजीजा को घर से बेदखल कर दिया. उस दिन न आसमान कराहा, न जमीन सिसकी. सबकुछ वैसा ही चलता रहा जैसे मुसलमान औरत की यही नियति हो. तब कुरैशा ही रोतीबिलखती अजीजा की जिंदा लाश को कंधों का सहारा दे कर अपने घर ले गई थी.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
  • 24 प्रिंट मैगजीन

डिजिटल

(1 महीना)
USD4USD2
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
 
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...