डाक्टरों ने उस लड़की की पूरी जांच करने के बाद जो बताया, उस ने आफरीन और उस नौजवान को अंदर तक हिला दिया था.
‘‘इस लड़की के साथ रेप किया गया और जब वह शोर मचाने लगी होगी तो उन दरिंदों ने न केवल उस की जीभ काट दी, बल्कि उस को इतना मारा कि उस की रीढ़ की हड्डी और पैर टूट गए. हमारे लिए इस लड़की को जिंदा रख पाना किसी चुनौती से कम नहीं है,’’ डाक्टर ने कहा.
रात के 3 बजे चुके थे. आफरीन अब भी अस्पताल में ही थी.
‘‘जी देखिए, अब मुझे जाना होगा और मैं आप की हिम्मत की तारीफ करता हूं, जो आप ने इस लड़की की मदद के लिए जुटाई... वैसे, मेरा यह कार्ड रख लीजिए. आप को किसी भी तरह की मदद की जरूरत पड़े, तो मुझ से बात कीजिएगा,’’ वह नौजवान बोला.
एक फीकी सी मुसकराहट से आफरीन ने उस नौजवान को शुक्रिया कहा.
आफरीन भी अस्पताल में ज्यादा देर न रुकी. लड़की के घर वाले कहां हैं? कौन हैं? यह जानने के लिए पीडि़ता का होश में आना जरूरी था, पर डाक्टरों के मुताबिक अभी उस के होश में आने में समय था.
आफरीन अगले दिन काम पर नहीं गई, मन जो उचाट था. दूसरे दिन ही अस्पताल जा पहुंची और पीडि़ता का हाल जाना. पीडि़ता की आंखों में आंसू थे, जो सिर्फ दर्द बयां कर रहे थे. वह बोल तो नहीं सकती थी, पर लिख तो सकती?है, यह खयाल आते ही आफरीन ने उसे अपना पैन और कौपी दी, जिस पर पीडि़ता ने बड़ी मुश्किल से एक मोबाइल नंबर लिखा और एक कार का नंबर.