विनोद कुमार विक्की

एक दिन मेरे मोबाइल फोन पर किसी अनजान नंबर से काल आई. जैसे ही मैं ने काल रिसीव की, दूसरी ओर से आवाज आई, ‘नमस्कार, वोटर केयर सैंटर में आप का स्वागत है.’

वह कंप्यूटराइज्ड आवाज सुन कर मेरे दिमाग के सैरेब्रल हैमिस्फीयर में दबाव बढ़ने लगा. कालर ट्यून, बैंकिंग लोन काल, क्रेडिट कार्ड देने वाले कस्टमर केयर या आधारकार्ड नंबर और ओटीपी मांगने वाले फ्राड काल के बारे में तो सुना था, पर अब यह वोटर केयर सैंटर कौन सी नई बला है.

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इसी ऊहापोह में मैं फोन काटने ही वाला था कि तभी दूसरी ओर से आवाज आई, ‘चूंकि यह काल जनहित में जारी है, इसलिए पूरी जानकारी लिए बिना कृपया फोन काटने की हिमाकत न करें.’

वह चेतावनी सुन कर मैं थोड़ा हड़क गया और बगैर किसी बाधा के फोन की लाइन को जारी रखा.

‘नमस्कार, हम वोटर केयर हैल्पलाइन से बोल रहे हैं. आप के क्षेत्र में चुनाव की घोषणा हो चुकी है. क्षेत्रीय उम्मीदवार के चयन को सुविधाजनक बनाने के लिए अगर आप उन के चालचलन के बारे में जानना चाहते हैं, तो कृपया 1 दबाएं, वरना 2 दबाएं.’

मैं मन ही मन सोचने लगा, ‘यह कैसा वोटर केयर सैंटर है... पहले तो कस्टमर केयर काल में हिंदी, इंगलिश, बंगला, भोजपुरी वगैरह भाषा के चयन का औप्शन पूछा जाता था...’

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तभी दूसरी ओर से आवाज आई, ‘आप भाषा चयन को ले कर कतई परेशान न हों. हमें पता है कि आप हिंदी के जानकार हैं. वैसे भी इंगलिश में आप कच्चे हैं और दूसरी क्षेत्रीय भाषा को समझना आप की औकात और ज्ञान से बाहर है. तो एकदूसरे का समय बरबाद किए बिना वोटर केयर प्रक्रिया को जारी रखते हुए अपने क्षेत्रीय उम्मीदवार का चालचलन जानने के लिए कृपया 1 दबाएं, वरना 2 दबाएं.’

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