पिछले साल के फरवरी महीने में  मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के गांव खापरखेड़ा के जगदीश धाकड़ अपने खेत में लगी गेहूं की फसल में यूरिया डाल रहे थे कि तभी एक आवारा सांड़ खेत में घुस आया, जिसे खदेड़ने के लिए जगदीश दौड़ पड़े.

सांड़ ने भी अपने नथुने फुलाए और सींगो के बल पर जगदीश को जमीन पर पटक दिया. पास के खेत में काम कर रहे कुछ किसानों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया. डाक्टर की सलाह पर जब ऐक्सरे कराया गया, तो जगदीश के दोनों पैर की हड्डियों में फ्रैक्चर निकला.

जगदीश 3 महीने तक बिस्तर पर पड़े रहे. इस दौरान उन की गेहूं की फसल देखरेख की कमी में बुरी तरह बरबाद हो गई. बताया जाता है कि जिस आवारा सांड़ ने उन्हें घायल किया था, उसे गांव  के ही एक दबंग द्वारा किसी माता की पूजापाठ कर के खुला छोड़ा गया था.

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लौकडाउन के पहले दतिया के रेलवे स्टेशन पर आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता था. ये आवारा गायबैल मुसाफिरों के खानेपीने की चीजों पर झपट पड़ते थे. क‌ई बार इन आवारा जानवरों के अचानक रेलवे प्लेटफार्म पर दौड़ लगाने से बच्चों, औरतों और बुजुर्गों को चोट भी लग जाती थी.

होशंगाबाद जिले के गांव पचुआ में साल 2018 में चरनोई जमीन पर गांव के कुछ रसूख वाले किसानों ने कब्जा कर लिया, जिस के चलते गांव के आवारा पशु किसानों के खेतों में घुस कर  फसलों को नुकसान पहुंचाने लगे. इस बात को ले कर 2 पक्षों में विवाद हो गया, जिस से एक आदमी की मौत हो गई. दूसरे पक्ष के 2 लोग हत्या के आरोप में हवालात में बंद हैं.

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