यूपी की महिला होमगार्ड्स अब अपनी हिम्मत और हौसले से दुश्मन को पस्त करेंगी. किसी भी परिस्थितियों से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहेंगी. वीआईपी की आतंकियों से सुरक्षा की जिम्मेदारी और प्रमुख स्थलों की सुरक्षा भी संभालती नजर आएंगी.

प्रदेश सरकार बहुत जल्द महिला होमगार्ड्स को एंटी-टेरेरिस्ट (आंतकवाद रोधी) मॉड्यूल का प्रशिक्षण देने जा रही है. होमगार्ड विभाग को अन्य सुरक्षा बलों की तरह सशक्त बनाने की तैयारी कर रही है. सरकार ने प्रशिक्षण लेने वाले होमगार्ड्स को ड्यूटी भत्ता देने का भी बड़ा फैसला लिया है. इसके लिए विभाग के अधिकारियों को 100 दिन में प्रस्ताव बनाकर भेजने का लक्ष्य सौंपा है.

योगी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में होमगार्ड्स विभाग का कायाकल्प करने के लिए संकल्पित है. 20 प्रतिशत पदों पर महिलाओं की भर्ती के साथ ही उनके प्रशिक्षण में एंटी-टेरेरिस्ट मॉड्यूल के साथ-साथ अन आर्म्ड कम्बैट और पीएसओ ड्यूटी के मॉड्यूल को शामिल करने जा रही है. शहरी और ग्रामीण पुरुष और महिला होमगार्ड्स की प्रशिक्षण अवधि में भिन्नता को खत्म करके उसको 90 दिन किया जाएगा.

इन 90 दिनों में नए माड्यूलों को शामिल कर होमगार्ड्स की दक्षता एवं कार्यकुशलता को बढ़ाने में मदद मिलेगी. इससे शांति एवं कानून व्यवस्था तो सुदृढ़ होगी ही साथ में ड्यूटी पर नागरिकों को महिला होमगार्ड्स बेहतर सेवायें उपलब्ध करा पायेगी. सरकार ने विभागीय अधिकारियों से प्रशिक्षणरत होमगार्ड्स को ड्यूटी पर मानते हुए प्रशिक्षण भत्ते के स्थान पर ड्यूटी भत्ता देने की योजना भी बना ली है. बता दें कि यह पहला मौका है जब किसी सरकार ने होमगार्ड्स विभाग को आगे बढ़ाने के तेजी से प्रयास शुरू किये हैं. महिला और पुरुष होमगार्ड्स को भी आधुनिक प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जा रही है.

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