मध्य प्रदेश में इंदौर के द्वारकापुरी इलाके में रहने वाले 32 साला पवन ने 6 फरवरी, 2016 को फांसी लगा कर खुदकुशी कर ली. उस की 26 साला बीवी ज्योति ने भी ऐसा ही किया. पर उन दोनों ने दिल दहला देने वाला एक गुनाह यह भी किया कि खुदकुशी करने से पहले अपनी ढाई साल की मासूम बेटी नम्रता की भी गला घोंट कर हत्या कर डाली. पवन और ज्योति ने अभी अपनी घरगृहस्थी की शुरुआत ही की थी और मासूम नम्रता तो मम्मीपापा के अलावा कुछ जानतीसमझती ही नहीं थी.
किराए के मकान में रहने वाले पेशे से ड्राइवर पवन की खुदकुशी में कोई पेंच या सस्पैंस नहीं है, क्योंकि मरने से पहले उस ने एक चिट्ठी में लिखा था कि उस पर तकरीबन 65 हजार रुपए का कर्ज था और सूदखोर वसूली के लिए उसे आएदिन तंग करते थे.
इस मामले में साफ दिख रहा है कि पवन ने ब्याज पर पैसे तो आसानी से ले लिए थे, पर लौटाने में पसीने आ रहे थे. वजह, आमदनी कम और खर्चे ज्यादा थे.
पवन और ज्योति ने जब देखा कि वे तगड़े सूद पर लिए पैसों को नहीं लौटा पाएंगे, तो घबरा कर उन्होंने यह खतरनाक कदम उठा लिया. पहले ज्योति ने फांसी लगाई. उस के मरने पर पवन ने उस की लाश को पलंग पर लिटाया, फिर खुद दूसरे कमरे में जा कर फंदे पर झूल गया. लेकिन इस से पहले उस ने अपनी बेटी नम्रता का भी गला घोंटा होगा.
चूंकि कर्ज सहूलियत से मिल रहा है, इसलिए ले लिया जाए, फिर ज्यादा कमा कर चुका देंगे जैसी खयाली बातें सोच कर जो लोग कर्ज लेते हैं, वे असल तो दूर की बात है उस का सूद भी नहीं चुका पाते, क्योंकि उन्हें अंदाजा नहीं रहता है कि जिस आमदनी में वे घर नहीं चला पा रहे, अगर उस में से ही ब्याज भी देना पड़े, तो वे खर्च कैसे चलाएंगे?