गुरुवार. 13 दिसंबर, 2018. बरात पर पथराव व मारपीट. दलित दूल्हे को घोड़ी से उतारा गया. राजस्थान के अलवर जिले के लक्ष्मणगढ़ थाना इलाके के गांव टोडा में गुरुवार, 13 दिसंबर, 2018 को दलित दूल्हे को घोड़ी से उतारने और बरात पर पथराव व मारपीट करने का मामला सामने आया.

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, गांव टोडा के हरदयाल की बेटी विनिता की शादी के लिए पास के ही गांव गढ़काबास से बरात आई थी.

बरात ज्यों ही गांव में घुसी, राजपूत समाज के 2 दर्जन से भी ज्यादा लोग लाठियां व सरिए ले कर बरातियों पर टूट पड़े. इस दौरान दर्जनभर लोगों को गंभीर चोटें आईं.

बाद में सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे पुलिस प्रशासन ने दूल्हे की दोबारा घुड़चढ़ी करा कर शादी कराई.

शादियों के मौसम में तकरीबन हर हफ्ते देश के किसी न किसी हिस्से से ऐसी किसी घटना की खबर आ ही जाती है. इन घटनाओं में जो एक बात हर जगह समान होती है, वह यह कि दूल्हा दलित होता है, वह घोड़ी पर सवार होता है और हमलावर ऊंची जाति के लोग होते हैं.

दलित समुदाय के लोग पहले घुड़चढ़ी की रस्म नहीं कर सकते थे. न सिर्फ ऊंची जाति वाले बल्कि दलित भी मानते थे कि घुड़चढ़ी अगड़ों की रस्म है, लेकिन अब दलित इस फर्क को नहीं मान रहे हैं. दलित दूल्हे भी घोड़ी पर सवार होने लगे हैं.

यह अपने से ऊपर वाली जाति के जैसा बनने या दिखने की कोशिश है. इसे लोकतंत्र का भी असर कहा जा सकता है जिस ने दलितों में भी बराबरी का भाव पैदा कर दिया है. यह पिछड़ी जातियों से चल कर दलितों तक पहुंचा है.

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