"पहली पहली बार मोह्हबत की है कुछ न समझ में आए में क्या करूं " ये गाना तो अधिकतर सभी ने सुना होगा। यही क्यों जब कोई किसी को पसंद करने लगता है ऐसे ना जाने कितने गानों की लिस्ट उसके रूह में जैसे बस जाती है। वैसे तो हर किसी को प्यार जिंदगी में एक न एक बार जरूर होता है फिर चाहे वो किसी इंसान से हो, चीज से हो या किसी जानवर से लेकिन हर किसी के जीवन मे ये एक बार दस्तक जरूर देता है. और जब बात हो नए नए यौवन की तो हर दूसरा व्यक्ति प्यारा लगने लगता है किसी के विचार भा जाते हैं तो किसी का रंग रूप, किसी की बोली तो, किसी के गुण। ऐसा व्यक्ति जो हमसे दो पल मुस्कराकर बात कर ले तो हम उसे प्यार का नाम देने से नहीं चूकते। मगर ऐसा सम्भव नहीं है कि किसी व्यक्ति को हमसे या हम किसी व्यक्ति को पल भर मे ही चाहने लग जाते है। जरूरी है इस बात को जानना की जिसे हम आज प्यार का नाम दे रहें है दरअसल यह सिर्फ अट्रैक्शन है या यौन आकर्षण।

यौन आकर्षण किसी भी व्यक्ति या किसी भी लिंग के प्रति हो सकता है। यौन आकर्षण में लोगों को लगता है कि वे किसी को यौन रूप से आकर्षक लगते हैं या वो किसी व्यक्ति के प्रति आकर्षण महसूस कर रहे हैं। इसमे उस व्यक्ति के साथ यौन संपर्क की इच्छा जागरूक होती है। यौन आकर्षण को कामेच्छा यानी काम-वासना के रूप भी कह सकते हैं। इस परिस्थिति में हमें यह जानना जरूरी है कि आप जिसे अपना बनना चाहते हो उसके इरादे आपके लिए गलत तो नहीं। युवावस्था जीवन का सबसे अहम पड़ाव होता है, अगर इस पड़ाव को व्यक्ति ने सही तरीके से पार कर लिया तो भविष्य में किसी भी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है। अगर युवावस्था में व्यक्ति गलत मार्ग पर चले गया तो फिर उसको जीवनभर पछाताना पड़ता है। इसलिए यदि हम प्यार को लेकर जिंदगी का अहम फेसला करने जा रहे हैं तो पहले अपने होने वाले पार्टनर व खुद मे भी ये बातें अवश्य परख लें.

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