सिगरेट पीने से ना सिर्फ आपके लंक्स खराब होते है बल्की इसके चलते आपको कई घातक बीमारियों से भी दो चार होना पड़ता है. सिगरेट पीने से सबसे ज्यादा देखी जाने वाली बीमारी है क्रौनिक औब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज.

1. क्या है क्रौनिक औब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज

क्रौनिक औब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) एक क्रौनिक इंफ्लेमेटरी लंग डिजीज है, जो फेफड़ों से हवा के बहाव को बाधित करती है. लक्षणों में सांस लेने में कठिनाई, खांसी, बलगम (थूक) का उत्पादन और घरघराहट शामिल हैं. यह लंबे समय तक एक्सपोजर गैसों या सूक्ष्म कणों के कारण होता है, जो कि ज्यादातर सिगरेट के धुएं से होता है. सीओपीडी वाले लोगों में निमोनिया, हृदय रोग, फेफड़ों के कैंसर और कई अन्य स्थितियों के विकास का खतरा होता है. एम्फिसीम (वातस्फीति) और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस दो प्रकार के क्रौनिक औब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज हैं और दोनों ही आमतौर पर धूम्रपान के कारण होते हैं. धुएं में विषाक्त पदार्थों के कारण, फेफड़े के ऊतक क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और सांस की हवा से औक्सीजन को रक्त प्रवाह में स्थानांतरित करने की अपनी क्षमता खो देते हैं।

2. क्या है सीओपीडी के लक्षण

सीओपीडी एक ऐसी घातक बीमारी है जिसका शुरुआती समय में पता ही नहीं चलता. इसके लक्षण अक्सर तब तक प्रकट नहीं होते हैं जब तक कि पूरी तरह से फेफड़ों खराब ना हो जाएं. हालांकि वे आमतौर पर समय के साथ खराब हो जाते हैं, खासकर अगर धूम्रपान करना आप जारी रखते है तो. क्रोनिक ब्रोंकाइटिस के के मुख्‍य लक्षण में रोजाना की खांसी और बलगम का उत्पादन शामिल है यह लगातार दो साल तक या कम से कम तीन महीने तक होता है.

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