यौन रोग पतिपत्नी के संबंधों में बाधक बन जाते हैं. यौन रोग के डर से लोग संबंध बनाने से डरने लगते हैं. कई बार यौन रोगों से अंदरूनी अंग से बदबू आने लगती है, जिस की वजह से सेक्स संबंधों से रुचि खत्म हो जाती है. ऐसे में पतिपत्नी एक दूसरे से दूर जा कर कहीं और संबंध बनाने लगते हैं.

क्या है यौन रोग

यौन रोग शरीर के अदरूनी अंगों में होने वाली बीमारियों को कहा जाता है. यह एक पुरुष और औरत के साथ संपर्क करने से भी हो सकता है और बहुतों के साथ संबंध रखने से भी हो सकता है. यौन रोग से ग्रस्त मां से पैदा होने वाले बच्चे को भी यह रोग हो सकता है. ऐसे में अगर मां को कोई यौन रोग है, तो बच्चे का जन्म डाक्टर की सलाह से औपरेशन के जरीए कराना चाहिए. इस से बच्चा योनि के संपर्क में नहीं आता और यौन रोग से बच जाता है.

कभीकभी यौन रोग इतना मामूली होता है कि उस के लक्षण नजर ही नहीं आते हैं. इस के बाद भी इस के परिणाम खतरनाक हो सकते हैं. इसलिए यौन रोग के मामूली लक्षण को भी नजरअंदाज न करें. मामूली यौन रोग कभीकभी अपनेआप ठीक हो जाते हैं, पर इन के बैक्टीरिया शरीर में रह जाते हैं, जो कुछ समय बाद शरीर में तेजी से हमला करते हैं. यौन रोग शरीर की खुली और छिली जगह वाली त्वचा से ही फैलते हैं.

यौन रोग का घाव इतना छोटा होता है कि उस का पता ही नहीं चलता है. पति या पत्नी को भी इस का पता नहीं चलता है. यौन रोगों का प्रभाव 2 से 20 सप्ताह के बीच कभी भी सामने आ सकता है. इस के चलते औरतों को माहवारी बीच में ही आ जाती है. यौन रोग योनि, गुदा और मुंह के द्वारा शरीर में फैलते हैं. यौन रोग कई तरह के होते हैं. इन के बारे में जानकारी होने पर इन का इलाज आसानी से हो सकता है.

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