सवाल
मैं एक 26 साल की औरत हूं और एक बच्चे की मां भी. बच्चे की उम्र 2 साल है. पर वह अभी तक कुछ नहीं बोलता है. हर बात इशारे में करता है. हम पतिपत्नी को यह डर सता रहा है कि कहीं यह गूंगा न हो.
जवाब
अभी हम ने किसी डाक्टर को नहीं दिखाया है. एक पड़ोसन बोल रही है कि बच्चे पर ऊपरी साया है. क्या ऐसा होता है? क्या हमें किसी ओझा से मिलना चाहिए?आमतौर पर बच्चे एक से डेढ़ साल की उम्र में बोलना शुरू कर देते हैं. अगर न करें तो बात चिंता की होती है और आगे चल कर बच्चे और मांबाप दोनों के लिए परेशानी की वजह बनती है.अगर आप इस परेशानी को और बढ़ाना चाहती हैं तो ही ओझा टाइप के किसी आदमी से मिलें और बच्चे के भविष्य की चिंता अगर हो तो तुरंत बच्चे को किसी माहिर डाक्टर को दिखाएं. सही समय पर न बोल पाने वाले बच्चों की बुद्धि कम विकसित होती है. उन्हें इस बाबत ओझाओं, तांत्रिकों और नीमहकीमों के पास ले जाने वाले मांबाप की तो बुद्धि ही भ्रष्ट होती है. फैसला अब आप के हाथ में है.
सवाल
मैं राजस्थान का हूं. मेरी उम्र 45 साल है. मैं अपने परिवार से दूर दिल्ली में नौकरी करता हूं और औरत के प्यार को तरस रहा हूं. पड़ोस में एक औरत मुझ पर डोरे डाल रही है, पर मुझे डर लगता है कि इस उम्र पकड़ा गया तो सारी इज्जत मिट्टी में मिल जाएगी. पर साथ ही अकेलापन भी मुझे काट खाने को दौड़ता है. इस वजह से मुझे तनाव रहने लगा है. मैं क्या करूं?
जवाब
आप डोरे डलवा लें लेकिन संभल कर, जिस से सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे. आमतौर पर तो इज्जत और अकेलेपन की लड़ाई में जीत अकेलेपन की ही होती है, क्योंकि ऐसे मामलों में कामकाजी औरत और मर्द दोनों ही होते हैं. अगर इज्जत का बहुत ज्यादा ही खयाल या दुनिया का लिहाज है, तो बीवी को साथ रहने के लिए बुला लें.दरअसल, आप को तनाव इस बात का है कि गंगाजी सामने बह रही हैं और आप डुबकी नहीं लगा पा रहे. अच्छे तैराक होंगे तो नहा भी लेंगे और डूबेंगे भी नहीं.
सच्ची सलाह के लिए कैसी भी परेशानी टैक्स्ट या वौइस मैसेज से भेजें.
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